नवजीवन हॉस्पिटल पर सवाल: काशीपुर में मानकों की धज्जियां, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़?

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नवजीवन हॉस्पिटल पर सवाल: काशीपुर में मानकों की धज्जियां, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़?

जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में चल रहे कई प्राइवेट हॉस्पिटलों पर आए दिन गंभीर आरोप लगते रहे हैं, और अब मुरादाबाद रोड स्थित नवजीवन हॉस्पिटल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। आरोप है कि इस हॉस्पिटल में मेडिकल मानकों के साथ-साथ फायर सेफ्टी और बिल्डिंग नियमों का भी खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, फिर भी संबंधित विभाग आंखें मूंदे बैठा है।

सूत्रों के अनुसार, हॉस्पिटल को फायर NOC तो मिल चुकी है, लेकिन वास्तविकता यह है कि बिल्डिंग फायर सेफ्टी मानकों पर खरी ही नहीं उतरती। आपातकालीन स्थिति में फायर ब्रिगेड की गाड़ी हॉस्पिटल परिसर में ठीक से प्रवेश भी नहीं कर सकती, जो किसी भी बड़ी दुर्घटना की स्थिति में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यानी कि अनुमतियाँ हैं, लेकिन सुविधाएँ नहीं — सवाल उठते हैं कि आखिर यह NOC कैसे जारी की गई?

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इसी बीच जसपुर की एक महिला मरीज के केस को लेकर भी गंभीर
लापरवाही सामने आई है गलत उपचार और स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की हालत खराब हो गई और अब उसे दुबारा इलाज कराना पड़ रहा है अब केवल आश्वासन दिया गया, लेकिन जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब एक हॉस्पिटल बेसिक लाइफ सेफ्टी मानकों को पूरा न करता हो, और इमरजेंसी में एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड तक ठीक से पहुंच न पाए, तो ऐसे संस्थानों को लाइसेंस या NOC देना सीधे-सीधे लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।

अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारी किस नींद में सो रहे हैं? क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है? जब कागजों पर सब ठीक है, लेकिन ज़मीन पर नहीं, तो फिर जवाबदेही तय कौन करेगा? जनता यही चाहती है कि ऐसे संस्थानों पर सख्त कार्रवाई हो और चिकित्सा व्यवस्था में भरोसा कायम रहे।

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