गंगाचरण हॉस्पिटल मुश्किल में, आयुष्मान मरीज से वसूली मामले में घिरा, पेनल्टी समेत हो सकती है बड़ी कार्रवाई
शानू कुमार
आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलने वाली निःशुल्क चिकित्सा सेवाओं के बावजूद एक वृद्धा से जबरन रकम वसूलने के आरोप में गंगाचरण हॉस्पिटल अब बड़ी मुसीबत में घिर गया है। पीड़िता और उनके अधिवक्ता पुत्र द्वारा की गई शिकायत पर स्थायी लोक अदालत ने अस्पताल निदेशक व मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को नोटिस जारी कर 24 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सिमरा बोरीपुर के अधिवक्ता संजय देव सिंह भदौरिया ने बताया कि उनकी मां रामेश्वरी देवी, जो आयुष्मान कार्डधारक हैं, को 10 अक्टूबर 2025 को गंगाचरण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि अस्पताल ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत मिलने वाली मुफ्त सुविधा देने से इनकार करते हुए:
5,801 रुपये की दवाइयाँ अस्पताल के मेडिकल स्टोर से अनिवार्य रूप से खरीदवाईं
विभिन्न जांचों के नाम पर 5,000 रुपये अतिरिक्त जमा कराए
कुल 13,324 रुपये की अतिरिक्त वसूली का आरोप
परिवार का कहना है कि इलाज के दौरान न तो योजना के तहत भोजन दिया गया और न ही मुफ्त उपचार। इसके विपरीत, डिस्चार्ज के समय तक उनसे 13,324 रुपये की अतिरिक्त वसूली कर ली गई। पीड़ित परिवार ने जब इस मामले की शिकायत की, तो अस्पताल की ओर से कोई राहत नहीं दी गई।
उल्टा, आरोप है कि मामले को उठाने पर अस्पताल प्रबंधन के मैनेजर ने अधिवक्ता के बेटे को धमकाया।
स्थायी लोक अदालत द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद अब अस्पताल प्रबंधन पर पैनल्टी सहित कड़ी कार्रवाई की संभावनाएँ बन गई हैं। यदि आरोप साबित हुए, तो हॉस्पिटल के खिलाफ आयुष्मान योजना के नियमों के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।