पौड़ी और पिथौरागढ़ के पूर्व कप्तान दोषी करार, अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश
देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक गंभीर प्रकरण सामने आया है, जहां जिले के पूर्व कप्तान और आईपीएस अधिकारी लोकेश्वर सिंह को पीड़ित युवक के साथ मारपीट और कपड़े उतरवाने के मामले में दोषी पाया गया है। राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण की जांच में आरोप सत्यापित होने के बाद प्राधिकरण ने शासन के गृह विभाग को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।
मामला पिथौरागढ़ निवासी लक्ष्मी दत्त जोशी की शिकायत से जुड़ा है। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि पूर्व एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया, कपड़े उतरवाए और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। शिकायत की जांच के बाद प्राधिकरण ने पुष्टि की कि घटना सत्य है और आईपीएस अधिकारी का यह व्यवहार पुलिस सेवा के उच्च मानकों के बिल्कुल विपरीत है।
लोकेश्वर सिंह हाल ही में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं और उनका चयन संयुक्त राष्ट्र (UN) में हुआ है, लेकिन प्राधिकरण की सिफारिश के बाद अब उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। घटना को लेकर प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि एक आईपीएस अधिकारी को दोषी करार देना बेहद गंभीर विषय है, और ऐसी घटनाएँ पुलिस विभाग की साख को गहरा नुकसान पहुंचाती हैं।
प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे ‘दुखद घटना’ बताते हुए कहा कि “अगर एक आईपीएस रैंक का अधिकारी इस तरह का कृत्य करता है, तो यह माफी के योग्य नहीं माना जा सकता। पुलिस सेवा का उद्देश्य जनता की रक्षा और न्याय सुनिश्चित करना है, न कि शक्ति का दुरुपयोग करना।”
राज्य सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाएगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न उठाया है कि क्या उच्च पदों पर बैठे अधिकारी भी जवाबदेही से बच सकते हैं, या कानून वास्तव में सभी के लिए समान है।