बरेली में अल्ट्रासाउंड सेंटर की लापरवाही एक बच्चा दिखा, दो हुए जन्म! जिम्मेदारों पर सवालों का घेरा

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बरेली में अल्ट्रासाउंड सेंटर की लापरवाही एक बच्चा दिखा, दो हुए जन्म! जिम्मेदारों पर सवालों का घेरा

शानू कुमार 

बरेली : अल्ट्रासाउंड जांच की सटीकता पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इज्जतनगर के अंबेडकरनगर निवासी आकाश की पत्नी आरती को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 11 अक्टूबर की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सिर्फ एक बच्चा दिखाया गया था। लेकिन प्रसव के दौरान जुड़वा बच्चों का जन्म होने से पूरा मामला संदिग्ध हो गया है।

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सुभाषनगर के तिलक कॉलोनी स्थित ओशो गंगासागर डायग्नोस्टिक सेंटर ने जारी की गई रिपोर्ट में गर्भ में केवल एक बच्चा होने का दावा किया, जिसके भरोसे अस्पताल ने प्रसव प्रक्रिया शुरू की। शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे भर्ती हुई आरती ने लेबर रूम में दो स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया, जिससे परिजन हैरान रह गए। जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं, लेकिन यह घटना अल्ट्रासाउंड मशीनों के रखरखाव, ऑपरेटरों की योग्यता और सेंटर संचालकों की जिम्मेदारी पर सीधा सवाल खड़ा करती है। क्या पुरानी मशीनें, अप्रशिक्षित स्टाफ या जानबूझकर गलत रिपोर्टिंग ने मां-बच्चों की जान को खतरे में डाल दिया?

 

 

जिला महिला अस्पताल के सीएमएस को सूचना मिलते ही जांच के लिए बारीकी से बोला गया, लेकिन सवाल यह है कि ओशो गंगासागर डायग्नोस्टिक सेंटर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और डीएम बरेली की निगरानी में चल रहे ये प्राइवेट सेंटर नियमित जांच से बचते फिर रहे हैं या लाइसेंसिंग प्रक्रिया में ही खामी है?

 

 

पिछले कई मामलों में अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लापरवाही के आरोप लगे, फिर भी सख्ती नदारद। अब इस घटना के बाद परिजनों का कहना है मामले में एक्शन होना जरूरी है नहीं तो सबके साथ ऐसा होने लगेगा—क्या अब जागेंगे जिम्मेदार? चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक अल्ट्रासाउंड में जुड़वा गर्भ का पता लगना संभव है, खासकर 11वें हफ्ते में। सेंटर संचालक को तत्काल नोटिस, मशीन की जांच और स्टाफ की ट्रेनिंग रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए। बरेली के स्वास्थ्य महकमे से मांग है कि सभी प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों का ऑडिट हो और PC-PNDT एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी का आईना है।

 

 

 

वहीं सीएमएस डॉ त्रिभुवन का कहना है कि मामले में सीएमओ ऑफिस को अवगत कराया जाएगा, निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच के लिए भी अवगत कराया जाएगा।

 

 

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