पहाड़ में अवैध नशे के खिलाफ “सच के साथ” समिति का जन जागरूकता अभियान शुरू: 13 जिलों में चलेगा नशा-विरोधी अभियान

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पहाड़ में अवैध नशे के खिलाफ “सच के साथ” समिति का जन जागरूकता अभियान शुरू: 13 जिलों में चलेगा नशा-विरोधी अभियान

अल्मोड़ा, उत्तराखंड।

रिपोर्टर / मुकेश कुमार

​अल्मोड़ा कहते हैं कि जब पाप का घड़ा भर जाता है तो उसका फूटना तय होता है। उत्तराखंड में नशे की स्थिति भी अब कुछ ऐसी ही हो चुकी है। पूरे प्रदेश को अपनी गिरफ्त में ले चुके अवैध नशे पर पुलिस और सरकार की कथित नाकामी को देखते हुए, अब सामाजिक संगठन “सच के साथ” समिति ने पहाड़ में बढ़ते अवैध नशे के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। समिति के जोरदार प्रचार के बाद अब लोग तेजी से जागरूक हो रहे हैं और नशे को खत्म करने के लिए कमर कस रहे हैं।

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धसपड़ गांव से अभियान की शुरुआत

​इसी कड़ी में, “सच के साथ” समिति ने अल्मोड़ा जिले के ग्राम धसपड़ से पहाड़ में बढ़ते अवैध नशे के खिलाफ जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की। इस महत्वपूर्ण मौके पर पहुंचे जागेश्वर विधायक मोहन सिंह मेहरा का समिति पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया।

​आयोजित बैठक में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया गया और उनकी समस्याओं को सुना गया। इस दौरान लोगों ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि:

  • ​वर्तमान में समूचा पर्वतीय क्षेत्र नशे की गिरफ्त में है, जिससे युवा वर्ग बर्बादी की ओर बढ़ रहा है।
  • ​नशे की लत के कारण न जाने कितने घर बर्बाद हो चुके हैं, और जमीनें सस्ते दामों में बिक रही हैं।
  • ​सड़क दुर्घटनाओं में युवा मौत के मुंह में समा रहे हैं।
  • ​अगर समय रहते सख्त रोकथाम नहीं की गई, तो आने वाले समय में पहाड़ की नई पीढ़ी बुरी तरह प्रभावित होगी, युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा, और समाज में अपराध तथा हिंसा जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं।

विधायक मोहन सिंह मेहरा ने जताई चिंता

​विधायक मोहन सिंह मेहरा ने पहाड़ पर बढ़ते नशे के खिलाफ गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्मैक, कच्ची शराब और चरस के छोटे-छोटे सौदागर तेजी से सक्रिय हो गए हैं। हालांकि पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर रही है और मुख्यमंत्री भी इस ओर गंभीर हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की मिलीभगत से धंधेबाज नए-नए रास्तों और तरीकों से इस जहर को युवाओं तक पहुंचा रहे हैं, जिससे खतरा बढ़ता जा रहा है।

​विधायक ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सरकार ने केवल शराब के ठेके खोले हैं, कच्ची शराब के नहीं। उन्होंने जल्द ही इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता करने और ठोस कानून एवं कार्रवाई के लिए अनुरोध करने की बात कही। उन्होंने “सच के साथ” समिति के इस अभियान की सराहना की और सरकारी मदद व सहयोग का आश्वासन भी दिया।

13 जिलों में चलेगा अभियान, दोषियों पर होगी कार्रवाई की मांग

​इधर, “सच के साथ” समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अवैध नशे के खिलाफ पूरे प्रदेश में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत अल्मोड़ा जिले से की गई है।

  • ​यह अभियान उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में चलाया जाएगा।
  • ​समिति का कहना है कि पहाड़ में अवैध कच्ची शराब सबसे बड़ी समस्या है, जिस पर कार्रवाई के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
  • ​पदाधिकारियों ने कहा कि इस मामले में जो भी पुलिसकर्मी, अधिकारी या जनप्रतिनिधि शामिल होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की जाएगी।
  • ​साथ ही, पहाड़ में बढ़ते अवैध नशे पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें अवगत कराया जाएगा।

​बैठक का संचालन समिति के जिला अध्यक्ष नाथूराम ने किया। इस मौके पर केन्द्रीय उपाध्यक्ष संतोष कुमार नौटियाल, केन्द्रीय सचिव बी. सी. पंत, नवीन राम, गोपाल राम, मीडिया प्रभारी दीपक राज, प्रशांत कुमार, मोहन बिषै सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

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