Kashipur निकाय चुनाव को लेकर अभी से हलचल, मौसम के गिरते तापमान में सियासी तपिश
काशीपुर में निकाय चुनाव की सरगर्मियां हुई तेज, ठंड के बीच बड़ने लगी सियासी तपिश
किस पर जताई कि पार्टी भरोसा नया चेहरा या फिर कोई पुराना
अभी से भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों की लिस्ट लंबी
अंदरूनी खिलाफत का बिगुल क्या बजेगा सड़कों पर
अज़हर मलिक
उत्तराखंड में निकाय चुनाव होने में अभी समय है लेकिन उधमसिंह नगर के काशीपुर में निकाय चुनाव की सरगर्मियां अभी से देखी जाने लगी है। आलम ये है की प्रदेश में ढलते मौसम के तापमान के बीच चुनावी तापमान में लगातार बड़ोतरी देखने को मिल रही है।
कांग्रेस हो य फिर भाजपा अभी से दिगाजों ने दावेदारों के टिकटों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के दरबार पर हाजिरी लगानी शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो पार्टियों द्वारा आलाकमान को भी अपने क्षेत्र में अपनी पकड़ और अपनी ताकत का एहसास कराया जा रहा है। दोनों दिग्गज पार्टियों ने विधानसभा की तर्ज पर ही दावेदारों की लिस्ट की रूपरेखा तैयार करनी होगी
उधर विधानसभा चुनाव में भी टिकटों को लेकर काफी घमासान देखा गया था टिकट न मिलने पर दावेदारों की नाराजगी भी खुलकर सामने आई थी जिसके चलते पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था। विधानसभा चुनाव के दौरान समीकरण ये तक बन गए थे की कुछ दावेदार और दावेदारों के समर्थकों ने तो पार्टी ही छोड़ने का ऐलान कर दिया था लेकिन किसी कारण वर्ष पार्टी को अलविदा नहीं कह पाए। ऐसे में इस बार निकाय चुनाव शुरू होने से पहले ही गुटबाजी शुरू हो गई है। मेयर के टिकट को लेकर जहां सब ने अपनी मोहरे बिछाने शुरू कर दिए है। तो ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की पार्टी हाई कमान किसपर भरोसा जताकर अपना उम्मीदवार बनाती है और किसका पत्ता साफ करती है। क्योंकि मेयर दावेदारों की लिस्ट भाजपा हो या कांग्रेस दोनों बड़ी लंबी है और काशीपुर की सीट पर खास बात यह है कि लंबे समय से मेयर उषा चौधरी में अपनी जीत का परचम लहराया है
इन सबके बीच इस निकाय चुनाव की खास बात ये होने वाली है क्योंकि भाजपा के पुराने चेहरों के साथ नए चेहरे भी पार्टी से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं ऐसे में सवाल उठता है की क्या बीजेपी लंबे समय से पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले दिग्गज नेताओं पर उम्मीद जताई कि या फिर काशीपुर की भाजपा मेयर पर ही , कयास तो ये भी लगाए जा रहे है की दीपक बाली पर पार्टी भरोसा जताकर उम्मीदवार बना सकती है, बरहाल अभी चुनाव काफी दूर है और टिकटों को लेकर सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि पदाधिकारी कांग्रेस के हो या फिर भाजपा के सभी सड़कों पर उतर कर जनता के हितेषी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं