Kashipur news : Sk हॉस्पिटल ने फिर किया निशुल्क इलाज उजड़ने से बचाया गरीब परिवार
अज़हर मलिक
काशीपुर : उत्तराखंड में आयुष्मान योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित हुई थी लेकिन निजी अस्पतालों की मनमानी और इस योजना का दुरुपयोग के चलते कई निजी अस्पतालों से यह योजना हटा दी गई है जिसके बाद गरीबों को इलाज के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है सरकारी डॉक्टरों की कमी तो प्राइवेट अस्पतालों में नोटों की कमी जिसके चलते गरीब मध्य परिवार अच्छे और बजट के इलाज के लिए दर बदर की ठोकरें खानी पढ़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद उधम सिंह नगर में निजी अस्पतालों की भरमार है, और इन अस्पतालों में अच्छे इलाज के साथ-साथ अच्छा बिल भी है और सरकारी सुविधाएं तो बस चुनावी मंचों के लिए ही अच्छी हैं। हमेशा इसलिए बोल रहे हैं कि जनपद उधम सिंह नगर के जसपुर क्षेत्र से है जहां एक गर्भवती गरीब महिला डिलीवरी के लिए दर बदर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर थी। लेकिन काशीपुर के बैल जोड़ी मोड पर स्थित SK हॉस्पिटल में इंसानियत की मिसाल जसपुर निवासी एक महिला की फ्री डिलीवरी जलाई है, जच्चा बच्चा का 5 दिन इलाज के बाद 25000 का बिल बना और गरीब परिवार की स्थिति देखते हुए SK हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर आसिफ़ ने गरीब परिवार से बिल लेने को मना कर दिया। जिसके बाद परिवार वाले दुआएं देकर वहां से चले गए। डॉ आसिफ का कहना है कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता या हम लोगों की मदद करेंगे ना जाने किस गरीब की दुआ हमारे काम आएगी और हमारे ऊपर से कौन सी मुसीबत टल जाएगी यह हॉस्पिटल मैंने पैसा कमाने के लिए नहीं एक अच्छा इलाज और गरीबों की मदद के लिए खोला है। SK हॉस्पिटल में यह पहला और अनोखा मामला सामने नहीं आया इससे पहले भी हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा कई गरीब परिवार के लोगों का मुफ्त इलाज करके उनकी जिंदगी में बचाई है।
जसपुर क्षेत्र में अधिकांश निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत आने वाले हॉस्पिटलों को डी पैनल कर दिया साथ ही जसपुर के पड़ोसी क्षेत्र काशीपुर में भी अधिकांश निजी अस्पतालों मे आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए रोक लगा दी गई है। जिसका खामियाजा गरीब परिवार के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। धामी सरकार को जल्दी से जल्दी इस और ध्यान देना पड़ेगा। डी पैनल कराए गए हॉस्पिटलों की जल्द से जल्द जांच करा कर उनको द्वारा पैनल लिस्ट में ऐड करना पड़ेगा ताकि गरीबों को इलाज के लिए दर बदर की ठोकरें ना खानी पड़े और अच्छा इलाज सरकारी योजना के तहत मिल सके।