Ramnagar news : धामी जी आपके अधिकारी आखिर क्यों नहीं करते कुछ ,स्कूल में उगाई करने के फरमान जारी
मोहम्मद कैफ खान /अज़हर मलिक
रामनगर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाओगे और यही सोचने पर मजबूर हो जाओगे की स्कूल संचालक क्या बकाई बच्चों के भविष्य की चिंता कर रहे या फिर अपनी कमाई बढ़ाने के नए-नए तरीके खोज कर रहे हैं। जी हां रामनगर के ग्राम टांडा मूल्य में स्थित आदर्श बाल एकेडमी सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल महोदय ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। जारी फरमान में बच्चों की चिंता भी झलकती है तो पैसे कमाने का नया तरीका भी, आप को बता दे की स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे सभी बच्चों के अभिभावकों को शनिवार को स्कूल में होने वाली पीटीएम बैठक में अनुपस्थित रहने पर बच्चों के वार्षिक परीक्षा में प्रत्येक विषय में 5 अंक काटने एवं 50 रुपए का अर्थदंड वसूलने के आदेश जारी किए गए थे। जिसके बाद अभिभावकों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। और स्कूल की तरफ से मनमानी आदेशों पर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अभी कोई कार्यवाही होती हुई दिखाई नहीं दे रही है। अधिकारियों की चुप्पी से महज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। निजी स्कूल अपनी मनमानी ढंग से नियम कानून कायदे पारित कर रहे हैं और इन पर लगाम लगाने वाले अधिकारियों की पकड़ से कितनी दूर है। गैर कानूनी ढंग से पैसों की मांग करना शायद शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं जानते की अपराधिक श्रेणी में आता है। फिर इन अधिकारियों से उम्मीद भी क्या लगाई जा सकती है कि जब प्रदेश के शिक्षा मंत्री ही इन अधिकारियों पर सख्त नहीं ,
अब जरा ध्यान से सोचिए
Example : यहां सोचने वाली बात ये है की कुछ परिवारों मुखिया रोज़ कुआं खोद कर पानी भरते हैं यानी रोज़ मजदूरी जायेंगे तो रात को रोटी मिलेगी ऐसे में अगर अभिभावक किसी मीटिंग में नहीं जा पाए तो मास्टर जी उससे दंड लेकर अपनी झोली भी भरेंगे। और बच्चे की मेहनत से लाए अंको पर भी सेंधमारी की जाएगी। हम यह नहीं कहते कि पेरेंट्स मीटिंग में अभिभावकों को नहीं जाना चाहिए, बच्चा उनका है तो बच्चे की चिंता भी उन्हीं को होगी लेकिन जबरजस्ती पेरेंट्स मीटिंग के नाम पर लोगों का समय नष्ट करना यह कहां तक सही है जिस अभिभावक को अपने बच्चे की चिंता होगी वह स्वयं आकर ही स्कूल के जिम्मेदार स्टाफ से मिली हिलेगा। और जिस की चिंता नहीं होगी वो नहीं आयेगा।
जबरदस्ती मां-बाप को बुलाना और ना आने पर ₹50 का दंड डालना ये किस संविधान में है इन मनमौजी करने वाले निजी स्कूलों के संचालकों से पूछने वाले जिम्मेदार अधिकारी हैं, धामी सरकार में गुमशुदा है। तो वही इस मामले में स्कूल के प्रबंधक टी चंद्रा ने प्रधानाचार्य द्वारा जारी किए गए आदेश को गलत बताया तो वही उनका यह भी कहना है कि बच्चों वाली बाप को को डराने एवं उनके अंदर भय पैदा करने के लिए ऐसा किया गया है वही मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने बताया कि इस प्रकार के आदेश जारी कर स्कूलों में भय का वातावरण बनाने का अधिकार किसी को नहीं है और उन्होंने भी इस आदेश को व्यवहारिक बताते हुए कहा कि मामले की जांच कर स्कूल संचालक व प्रधानाचार्य के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी इस आप व्यवहारिक आदेश को लेकर कितने गंभीर हैं और क्या कार्यवाही विभाग करेगा यह सब भविष्य के गर्भ में कैद है।