मार्गदर्शको के रिटायरमेंट की उम्र में सरकार ने किया इजाफा, अब इतने साल तक कर सकेंगे नौकरी

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मार्गदर्शको के रिटायरमेंट की उम्र में सरकार ने किया इजाफा, अब इतने साल तक कर सकेंगे नौकरी

 

भाजपा सरकार का एक बड़ा ऐलान जहां UP के प्राथमिक स्कूलों में तैनात मार्गदर्शको को भाजपा सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। मार्गदर्शक अब सामान्य मार्गदर्शको की तरह ही 60 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने सामान्य आचार्य की तरह ही मार्गदर्शको के रिटायरमेंट की आयु-सीमा बढ़ाकर 60 साल कर दी है। इसका लाभ प्रदेश के लगभग 1.46 लाख शिक्षामित्रों को होगा।

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि बीते ( पूर्व ) की तरह हर साल नवीनीकरण किए जाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार के अनुसार मार्गदर्शको की संविदा आधारित सेवाएं उनकी 60 वर्ष की आयु होते ही खुद समाप्त जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के संबंध में मार्गदर्शको के रिटायरमेंट की आयु में सरकार ने किया इजाफा, अब इतने साल तक कर सकेंगे नौकरी

 

 

 

भाजपा सरकार का एक बड़ा ऐलान जहां UP के प्राथमिक स्कूलों में तैनात मार्गदर्शको को भाजपा सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। मार्गदर्शक अब सामान्य मार्गदर्शको की तरह ही 60 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने सामान्य आचार्य की तरह ही मार्गदर्शको के रिटायरमेंट की आयु-सीमा बढ़ाकर 60 साल कर दी है। इसका लाभ प्रदेश के लगभग 1.46 लाख शिक्षामित्रों को होगा।

 

 

 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि बीते ( पूर्व ) की तरह हर साल नवीनीकरण किए जाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार के अनुसार मार्गदर्शको की संविदा आधारित सेवाएं उनकी 60 वर्ष की आयु होते ही खुद समाप्त जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के संबंध में शिक्षामित्र योजना क्रियान्वयन से संबंधित पूर्व में जारी शासनादेशों को इस सीमा तक संशोधित समझा जाएगा।

 

 

 

 

आप को बता दे की सन् 1999 में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्राथमिक स्कूलों में मार्गदर्शको की नियुक्ति शुरू की गई थी, हर 11 महीने के बाद उनके संविदा का नवीनीकरण किया जाता है। मौजूदा समय में 1.46 लाख मार्गदर्शको प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में तैनात हैं। उन्हें मानदेय के रूप में दस हजार रुपये मासिक दिया जा रहा है। योजना क्रियान्वयन से संबंधित पूर्व में जारी शासनादेशों को इस सीमा तक संशोधित समझा जाएगा।

 

 

 

 

आप को बता दे की सन् 1999 में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्राथमिक स्कूलों में मार्गदर्शको की नियुक्ति शुरू की गई थी, हर 11 महीने के बाद उनके संविदा का नवीनीकरण किया जाता है। मौजूदा समय में 1.46 लाख मार्गदर्शको प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में तैनात हैं। उन्हें मानदेय के रूप में दस हजार रुपये मासिक दिया जा रहा है।

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