ये विवादों के सबसे बड़े खिलाड़ी अब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan Singh भी शामिल

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ये विवादों के सबसे बड़े खिलाड़ी अब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan Singh भी शामिल

अज़हर मलिक 

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह Brij Bhushan Sharan Singh ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि एक भी आरोप बंद कमरे के नहीं। क्योंकि अब तो आरोप सामने एक भी कमरे बंद कमरे के नहीं हैं। कहीं 2000 आदमी के बीच में है, कहीं 3000 आदमी के बीच में, कहीं 1000 आदमी के बीच में है और अगर फोटो की बात करते हैं कि फोटो खींचाया फोटो खींचाया ज्यादातर फोटो की बात आयी है तो मैं एक खिलाड़ी का 10 10 फोटो दे रहा हूँ। 2018 के एशियन गेम्स में मेडल मिला था, जकार्ता में मिला था। मुझे याद नहीं है एग्ज़ैक्ट की जकार्ता याद है और गेम याद है गोल्ड मेडल मिला था। साक्षी मलिक मलिक किस तरीके से मेरे से लिपटी पड़ी है। किस तरीके से लटकी पड़ी है। अगर उस फोटो को तो आप देखिये क्या में पकड़ रहा था मेरी कमर की वो पकड़ रही थी।

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ये कॉन्फिडेन्स है उस आदमी का जिसपर कई लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगा है। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan Singh इन पर आरोप है कि उन्होंने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि बृजभूषण होटल के उसी फ्लोर पर रुकते थे जहाँ महिला पहलवान ठहरती थीं। ज़ाहिर है आरोप लगाने वाली ये कोई आम लड़कियां नहीं कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर रेसलिंग में मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली महिला पहलवान हैं।

इसी और उत्पीड़न के खिलाफ़ महिला पहलवानों के साथ पुरुष पहलवानों ने भी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ़ हल्ला बोल दिया है। पहले जनवरी फिर 23 अप्रैल से जंतरमंतर पर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ और भी कई पहलवान एक बार फिर धरने पर बैठे हुए और बृजभूषण के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी सांसद बृजभूषण भी डटे हुए हैं। कह रहे है की सारे पहलवान एक अखाड़े के हैं।और इसका ठीकरा दीपेंद्र हुडा के साथ एक उद्योग पति और बाबा पर फोड़ रहे हैं। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब खेल जगत के किसी विवाद से राजनीतिक भूचाल आया हो।

आज The Great news पर हम आपको ऐसे ही कुछ खेल विवादों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी आवाज सड़क से लेकर संसद तक गूंजी थी।

पहला विवाद आईपीएल कोच्चि विवाद

साल 2010 में आईपीएल को लेकर उस समय बखेड़ा खड़ा हो गया था जब तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने उस समय अपनी मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल कोच्चि टीम में ₹70,00,00,000 की हिस्सेदारी दिलवाने के लिए अपने पद का का दुरुपयोग किया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उस समय आईपीएल के कमिश्नर ललित मोदी के इस खुलासे के बाद थरूर मुसीबत में फंस गए थे। जब यह पता चला कि सुनंदा पुष्कर की आईपीएल कोच्चि टीम की कंपनी रामदेवी स्पोर्ट्सवर्ल्ड में हिस्सेदारी है। इस पर सफाई देते हुए थरूर ने कहा था कि वो आइपीएल टीम की नीलामी में शामिल नहीं थे। बाद में विवाद बढ़ने पर थरूर को अप्रैल 2010 में मंत्री पद से हटना पड़ा था।

आईपीएल कोच्चि विवाद
आईपीएल कोच्चि विवाद

दूसरा विवाद है कॉमनवेल्थ घोटाला

कॉमनवेल्थ घोटाला जिसने कांग्रेस की जड़ें हिला कर रख दी थी ये घोटाला भारतीय इतिहास में सबसे बड़े घोटालों में से एक है। साल 2010 में हुआ यह घोटाला लगभग 70,000 करोड़ रुपये का था। कॉमनवेल्थ खेल समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी पर पैसों की हेराफेरी का आरोप लगा था। उन पर आरोप था कि उन्होंने कम पैसों की चीजें 100 से 200 गुना ज्यादा कीमतों पर खरीदी थी। इन आरोपों के बाद उन्हें साल 2010 में कांग्रेस संसदीय पार्टी के सचिव पद से हटा दिया गया था। उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद सीडब्ल्यूजी आयोजन समिति के प्रमुख पद से भी बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद सुरेश कलमाड़ी को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।

कॉमनवेल्थ घोटाला
कॉमनवेल्थ घोटाला

 एक और सबसे बड़ा विवाद है डीडीसीए भ्रष्टाचार

दिसंबर 2015 में बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेट कीर्ति आजाद ने 28 मिनट का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें वित्तीय अनियमितता के लिए दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और पूर्व क्रिकेटर्स सुरेंद्र खन्ना के साथ कीर्ति आजाद ने दावा किया था कि लेकिन इस मीडिया की जांच में पता चला है कि डीडीसीए ने कई फर्जी कंपनियों को ठेके दिये।

इस स्टिंग ऑपरेशन में बताया गया था कि डीडीसीए से ऐसे 14 कंपनियों को ठेके मिले थे, जिनके पते फर्जी थे। इस वीडियो में डीडीसीए की 2011 2012 की सालाना जनरल मीटिंग का फुटेज भी शामिल था, जिसमें आजाद को उस समय डीडीसीए के अध्यक्ष अरुण जेटली से इस पर सवाल कर दें और जेटली को डीडीसीए प्रशासन का बचाव करते देखा गया था। डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर बीजेपी सांसद अरुण जेटली पर आरोप लगाने के लिए कीर्ति आजाद को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी डीडीसीए में जेटली के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर उनपर निशाना साधा था, लेकिन जेटली ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

डीडीसीए भ्रष्टाचार
डीडीसीए भ्रष्टाचार
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