हाइकोर्ट शिफ्टिंग के विरोध में अल्मोड़ा में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुखर की आवाज
रिपोर्ट : ललित बिष्ट
अल्मोड़ा : अल्मोड़ा के होटल शिखर में हाइकोर्ट को ऋषिकेश शिफ्ट करने के विरोध में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
वार्ता का आरंभ करते हुए वार्ता के संयोजक विनय किरौला द्वारा विचार रखते हुए कहा गया कि राज्य की स्थापना के समय कुमाऊँ व गढ़वाल मंडल में सरकारी संस्थाओं को बराबर बांटने की बात कही गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि ये हाइकोर्ट की शिफ्टिंग नही कुमाऊँ से हज़ारों लोगों के रोजगार की शिफ्टिंग है।सरकार को हाइकोर्ट को लेकर एक और नए शहर विकसित करना चाहिए। उन्होंने विकल्प देते हुए कहा कि हाइकोर्ट के गौलापार जाने से एक नई सिटी बन जाएगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि कुमाऊं-गढ़वाल का मामला नही है तो सरकारी संस्थाओं को कुमाऊं-गढ़वाल मंडल में बराबर बांटा जाना चाहिए। उपपा के पी0सी0 तिवारी ने कहा कि ये हिमालय राज्य की अवधारणा पर कुठाराघात है।उत्तराखंड लोक वाहिनी के पूरन चंद्र तिवारी ने कहा कि गैरसैण राज्य के मध्य में स्थित है स्थाई राजधानी व हाईकोर्ट गैरसैण में होने पर कुमाऊँ व गढ़वाल का सामान रूप से विकास होगा।
कार्यक्रम के सह सयोंजक डॉ वी डी एस नेगी ने कहा कि हाइकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर जनमत संग्रह की बात कही है वो किस के आदेश पर की गई है उनके खिलाफ विधायी करवाई करेंगे। वही डॉ जे0सी0दुर्गापाल ने कहा कि राजधानी देहरादून में स्थित है तो स्वाभाविक रूप से हाइकोर्ट गौलापार या रुद्रपुर में बनना चाहिए।
पूर्व राज्य मंत्री केवल सती ने अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्य गठन की अवधारणा थी कि सभी संस्थाए बराबर रूप से कुमाऊँ-गढ़वाल मंडल में विभाजित की जायेगी। हाई कोर्ट शिफ्टिंग इस मूल अवधारणा के विपरीत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आनंद सिंह बगडवाल ने कहा कि प्रदेश में नौकरशाही पूर्ण रूप से हावी हो गयी है,उन्हें जन साधारण की सुविधाओं से कोई सरोकार नही है,हाइकोर्ट शिफ्टिंग भी इसी का हिस्सा है।एडवोकेट जमन सिंह बिष्ट ने कहा हाई कोर्ट शिफ्टिंग विधि एवं न्याय मंत्रालय के क्षेत्राधिकार का विषय है।
अन्य वक्ताओं में बार ऐसोसिएशन अल्मोड़ा के उपाध्यक्ष कवींद्र पंत,विशाल वर्मा,सुरजीत टम्टा, जयराम आर्या,संजय पांडेय आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे।बैठक का आयोजन डॉ वी0डी0नेगी व सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला के द्वारा सयुक्त रूप से की गई।वार्ता की अध्यक्षता आनंद सिंह बगडवाल द्वारा की गई।