अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन दिल्ली में, देशभर से उमड़ी भीड़
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 27 सितंबर को आयोजित अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन ऐतिहासिक और सफल आयोजन साबित हुआ। इस सम्मेलन में देश के अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। मंच पर मौजूद राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने देश की तरक्की, अखंडता और भाईचारे पर जोर देते हुए कहा कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता है। यहां अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग त्यौहार, अलग-अलग परंपराएं और तहज़ीबें मिलकर एक प्यारा भारत बनाती हैं और यही विविधता भारत को विश्व पटल पर सबसे खास और सबसे मजबूत बनाती है।
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सम्मेलन में आए वक्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि अगर हमें भारत को विश्व की सबसे बड़ी ताकत बनाना है तो हमें हिंसा और नफरत से दूरी बनानी होगी और एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, दहशत और मॉब लिंचिंग से भारत को पूरी तरह मुक्त कराना ही इस सम्मेलन का संकल्प है और मुस्लिम समाज हमेशा से देश की तरक्की में सबसे आगे रहा है और आगे भी रहेगा।
काशीपुर से भी बड़ी संख्या में लोग इस सम्मेलन का हिस्सा बने। यहां से कई बसें दिल्ली रवाना हुईं जिन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया नगर निगम के महापौर दीपक बाली ने। इस मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. मोहम्मद हसन नूरी ने बताया कि इस सम्मेलन से देश और दुनिया को यह संदेश गया है कि मुसलमान भारत की ताकत हैं और हिंदुस्तान को विश्व गुरु बनाने के लिए हर किसी को एकता और भाईचारे के साथ आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत को आगे बढ़ाने के लिए हर धर्म और हर समाज को साथ लेकर चलना जरूरी है। उनका कहना था कि देश के अंदर अलग-अलग भाषण हो सकते हैं, अलग-अलग त्यौहार और परंपराएं हो सकती हैं, अलग-अलग पहनावे और कलर हो सकते हैं, लेकिन इन सबको मिलाकर ही एक सुंदर और मजबूत भारत का निर्माण होता है।
यह सम्मेलन न सिर्फ देशभर से आए लोगों की एकजुटता का प्रतीक बना बल्कि इसने यह संदेश भी दिया कि हिंसा और नफरत को छोड़कर अगर एकता और भाईचारे की राह अपनाई जाए तो भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरेगा।