अमेरिका–चीन व्यापार तनाव गहराया: चीन ने दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों पर बैन लगाया, ट्रम्प ने 200% शुल्क लगाने की धमकी दी
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है, जब चीन ने दुर्लभ पृथ्वी (Rare Earth) चुंबकों के निर्यात पर सीमा बैन लगाने का ऐलान किया और इसके तुरंत बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 200% तक टैरिफ शुल्क लगाने की धमकी दे दी, जिससे वैश्विक बाजारों और उद्योग जगत में खलबली मच गई है। Rare Earth Magnets आधुनिक तकनीकी उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों, डिफेंस सिस्टम और स्मार्टफोन्स के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और दुनिया की कुल आपूर्ति में चीन का दबदबा लगभग 70% से अधिक है। चीन का यह कदम केवल व्यापारिक दबाव नहीं बल्कि भू-राजनीतिक रणनीति के तहत भी देखा जा रहा है क्योंकि अमेरिका लंबे समय से चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है, वहीं ट्रम्प ने इसे अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री और नेशनल सिक्योरिटी के लिए सीधी चुनौती बताया। इस घोषणा के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट में धड़ाम गिरावट देखी गई जबकि टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयरों पर भारी दबाव आया। ट्रम्प ने कहा कि अगर चीन इस तरह के एकतरफा फैसले लेगा तो अमेरिका तुरंत प्रतिक्रिया देगा और चीन से आने वाले सभी Rare Earth Magnets और उनसे बने प्रोडक्ट्स पर 200% शुल्क लगाया जाएगा। इस तरह का कदम दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर को और गंभीर बना सकता है क्योंकि पहले ही दोनों महाशक्तियों के बीच सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेलीकॉम और अन्य हाई-टेक सेक्टर में गहरी प्रतिस्पर्धा और अविश्वास की स्थिति बनी हुई है।
वैश्विक विश्लेषकों का मानना है कि Rare Earth Minerals और Magnets का इस्तेमाल न केवल उपभोक्ता उत्पादों में बल्कि रक्षा और अंतरिक्ष उद्योग में भी बड़े पैमाने पर होता है, और यदि यह आपूर्ति बाधित हुई तो इसका सीधा असर अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे देशों की इंडस्ट्री पर पड़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों में मोटर्स के लिए Rare Earth Magnets का इस्तेमाल अनिवार्य है और अमेरिका की कंपनियाँ जैसे Tesla, Ford, GM आदि पहले से ही चीन पर इन संसाधनों के लिए निर्भ
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