TRF को अमेरिका ने घोषित किया विदेशी आतंकवादी संगठन, पहलगाम हमले में निभाई थी खूनी भूमिका

Advertisements

TRF को अमेरिका ने घोषित किया विदेशी आतंकवादी संगठन, पहलगाम हमले में निभाई थी खूनी भूमिका

जम्मू-कश्मीर में आतंक की जड़ें जमाने वाले पाकिस्तान समर्थित संगठन TRF को अमेरिका ने अब आधिकारिक तौर पर ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ घोषित कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बयान जारी कर कहा कि TRF न सिर्फ कश्मीर में दहशत फैलाने का काम कर रहा है, बल्कि यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा जैसे पहले से प्रतिबंधित आतंकी गिरोह का ही नया मुखौटा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए नए नाम में ढाल दिया गया है।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर की पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी इसी TRF ने ली थी, जहां 26 पर्यटकों की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना अकेले भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक सीधी चेतावनी थी कि आतंकवाद आज भी छिपे रूप में जिंदा है।

Advertisements

TRF यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ एक ऐसा संगठन है जो लश्कर-ए-तैयबा की छाया में जन्मा और पनपा। पाकिस्तान में बैठे रणनीतिकारों ने इस नए नाम से भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रखा है, जिसमें सोशल मीडिया, स्थानीय युवाओं की ब्रेनवॉशिंग और गुप्त हथियारों की तस्करी के जरिए हमले कराए जाते हैं।

अमेरिकी सरकार का यह फैसला भारत की लंबे समय से चली आ रही उस मांग की दिशा में बड़ा कदम है, जिसमें भारत चाहता था कि TRF जैसे संगठनों को भी उसी तरह वैश्विक मंच पर बेनकाब किया जाए जैसे जैश-ए-मोहम्मद या हिजबुल मुजाहिदीन को किया गया था।

TRF के खिलाफ यह अमेरिकी कार्रवाई अब कई बड़े नतीजों का संकेत है – अब अमेरिका इस संगठन से जुड़े लोगों की संपत्तियों को फ्रीज़ कर सकेगा, वित्तीय लेनदेन पर रोक लगेगी, और यदि कोई देश TRF को समर्थन देता है तो उसे भी वैश्विक मंच पर घेरा जा सकेगा।

भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता का मजबूत संकेत बताया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि TRF से जुड़े लोगों की पहचान भारत में पहले से चल रही है और अब अंतरराष्ट्रीय मदद से उनके नेटवर्क को तेजी से ध्वस्त किया जाएगा।

TRF ने बीते कुछ वर्षों में कश्मीर घाटी में आम लोगों, पर्यटकों, पत्रकारों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। यह संगठन बार-बार नए नामों, फर्जी अकाउंट्स और कट्टरपंथी एजेंडों के जरिए युवाओं को भ्रमित कर रहा है। सोशल मीडिया के ज़रिए यह संगठन हथियारों के वीडियो, धार्मिक उकसावे और अलगाववाद का प्रचार कर रहा है।

अब जब अमेरिका ने TRF को लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ते हुए विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है, तो आने वाले समय में अन्य देशों से भी यही उम्मीद की जा रही है कि वे इस पर सख्ती दिखाएं।

यह सिर्फ एक संगठन पर बैन नहीं, बल्कि उस पूरी मानसिकता पर हमला है जो धर्म, जाति और भूगोल के नाम पर मासूमों की जान लेने को जायज ठहराती है।

भारत अब कूटनीतिक मोर्चे पर और सख्त होता दिखेगा, और पाकिस्तान की वैश्विक साख पर यह कार्रवाई एक और बड़ा धब्बा छोड़ने वाली है।

 

Advertisements

Leave a Comment