अमेरिका ने भारत को बताया सबसे भरोसेमंद साझेदार – वित्त सचिव ने दिया बड़ा बयान
वॉशिंगटन/नई दिल्ली (1 जुलाई 2025): अमेरिका के वित्त सचिव सॉट बिसेंट ने भारत को लेकर एक बड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि “भारत आज अमेरिका का सबसे भरोसेमंद रणनीतिक और आर्थिक साझेदार बन चुका है।” इस बयान को दोनों देशों के बीच आगामी ट्रेड डील और भू-राजनीतिक समीकरणों के संदर्भ में बेहद अहम माना जा रहा है।
🗣️ वित्त सचिव सॉट बिसेंट का बयान
> “We see India not just as a regional ally, but as a global pillar of economic and democratic strength,”
— Scott Bissant, US Treasury Secretary
यह बयान उस समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी, ट्रेड, रक्षा, और डिजिटल फाइनेंसिंग से जुड़ी बातचीत अंतिम दौर में है।
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📈 क्यों अहम है ये बयान?
यह बयान India–US Strategic & Commercial Dialogue के दौरान आया
अमेरिका चाहता है कि भारत चीन के विकल्प के रूप में वैश्विक उत्पादन और तकनीक का केंद्र बने
दोनों देशों के बीच $190 बिलियन से अधिक का वार्षिक व्यापार हो चुका है
अमेरिका भारत में SIP, Mutual Funds, Startups और EV सेक्टर में बड़े निवेश की तैयारी में है
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🤝 क्या है भारत-अमेरिका सहयोग की दिशा?
क्षेत्र सहयोग
रक्षा संयुक्त युद्धाभ्यास, ड्रोन और मिसाइल डील
ऊर्जा हाइड्रोजन, न्यूक्लियर और क्लीन टेक्नोलॉजी
डिजिटल 5G, AI और साइबर सुरक्षा
व्यापार टैरिफ में कटौती और सेवा क्षेत्र को खोलने पर चर्चा
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📌 भारत की प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस बयान का स्वागत करते हुए कहा कि:
> “भारत और अमेरिका अब सिर्फ रणनीतिक सहयोगी नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के साझेदार हैं।”
भारत सरकार ने इसे मोदी प्रशासन की विदेश नीति की बड़ी उपलब्धि बताया है।
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🌐 भू-राजनीतिक संदेश
यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन और रूस के गठबंधन को लेकर पश्चिमी देशों में चिंता है
अमेरिका चाहता है कि भारत Quad और Indo-Pacific की रीढ़ बनकर उभरे
विशेषज्ञ इसे 2025 के अंत तक संभावित Free Trade Agreement (FTA) का संकेत मान रहे हैं
अमेरिका का यह सार्वजनिक बयान भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत का प्रमाण है। जहां एक ओर भारत चीन की वैकल्पिक ताकत बन रहा है, वहीं अमेरिका भारत को इनोवेशन, निवेश और लोकतांत्रिक साझेदारी का केंद्र बना रहा है।