अनिल अंबानी : कारोबारी सफर, संघर्ष और मौजूदा स्थिति की पूरी कहान
अनिल अंबानी (Anil Ambani) भारत के सबसे चर्चित बिज़नेसमैन में से एक रहे हैं, जिन्हें कभी देश का सबसे अमीर शख्स कहा जाता था लेकिन आज उनकी पहचान उन उद्यमियों में होती है जिन्होंने ऊँचाइयों से गिरकर बड़े वित्तीय संकट का सामना किया। रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी का जन्म 4 जून 1959 को हुआ और वे धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे हैं। धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद रिलायंस साम्राज्य का बंटवारा दो हिस्सों में हुआ – बड़ा हिस्सा मुकेश अंबानी को मिला और टेलीकॉम, पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंस से जुड़े कारोबार अनिल अंबानी के हिस्से आए। यही से शुरू हुई उनकी कारोबारी यात्रा जिसने उन्हें एक समय दुनिया के टॉप रईसों में शामिल कर दिया।
2005 में जब अंबानी ब्रदर्स के बीच Reliance का बंटवारा हुआ तो अनिल अंबानी को Reliance Communications, Reliance Capital, Reliance Infrastructure और Reliance Power जैसी कंपनियाँ मिलीं। शुरुआत में इन कंपनियों ने तेज़ी से ग्रोथ दिखाई और Anil Ambani को 2008 में Forbes Billionaires List में 6th Richest Man in the World का दर्जा मिला। उस समय उनकी नेटवर्थ करीब 42 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। उन्हें बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों इंडस्ट्रीज़ से जोड़कर भी देखा गया क्योंकि उन्होंने DreamWorks Studio में निवेश किया और बॉलीवुड फिल्मों के प्रोडक्शन में भी पैसे लगाए।
लेकिन धीरे-धीरे उनकी किस्मत का सितारा डूबने लगा। Reliance Communications (RCom) का कर्ज़ बढ़ता गया और 2019 में कंपनी दिवालिया हो गई। टेलीकॉम सेक्टर में Reliance Jio और Airtel जैसे बड़े खिलाड़ियों की एंट्री ने RCom को पूरी तरह बाजार से बाहर कर दिया। इसी तरह Reliance Power का IPO शुरुआती दिनों में सफल रहा लेकिन बाद में भारी घाटे का सामना करना पड़ा। Reliance Infrastructure और Reliance Capital पर भी कर्ज़ का बोझ बढ़ता गया।
2020 में लंदन की एक अदालत में अनिल अंबानी ने यह तक कह दिया कि उनकी संपत्ति का
मूल्य