अर्जुन तेंदुलकर: सचिन का वारिस या खुद की पहचान बनाने वाला युवा क्रिकेटर? करियर, संघर्ष और भविष्य की कहानी

Advertisements

अर्जुन तेंदुलकर: सचिन का वारिस या खुद की पहचान बनाने वाला युवा क्रिकेटर? करियर, संघर्ष और भविष्य की कहान

 

अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) भारतीय क्रिकेट के उन उभरते सितारों में से एक हैं जिन पर शुरुआत से ही सभी की नज़र रही है, सिर्फ इसलिए नहीं कि वे क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं, बल्कि इसलिए भी कि उनमें क्रिकेट के लिए एक अलग ही जुनून और मेहनत दिखाई देती है। 24 सितंबर 1999 को मुंबई में जन्मे अर्जुन ने बचपन से ही क्रिकेट के माहौल में अपनी आंखें खोलीं। हालांकि उन्हें हमेशा अपने पिता की विरासत का दबाव झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने शुरुआत से ही ये साफ कर दिया कि वे अपनी मेहनत और प्रदर्शन के दम पर क्रिकेट की दुनिया में नाम बनाना चाहते हैं। लेफ्ट-आर्म फास्ट बॉलर और लोअर-ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में अर्जुन ने घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है और कई मौकों पर साबित किया है कि वे सिर्फ बड़े नाम के सहारे नहीं खेल रहे, बल्कि अपनी काबिलियत से आगे बढ़ रहे हैं।

Advertisements

 

अर्जुन ने अंडर-19 लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई टूर में शानदार गेंदबाजी दिखाई। उनके पास तेज़ बॉलिंग के साथ-साथ अच्छी स्विंग कराने की क्षमता भी है, जो भारतीय टीम के लिए भविष्य में एक बड़ी संपत्ति बन सकती है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में गोवा की ओर से खेलते हुए डेब्यू मैच में ही सेंचुरी लगाकर सभी को चौंका दिया। यह साबित करता है कि वे सिर्फ गेंदबाज ही नहीं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर टीम के लिए अहम रन भी जुटा सकते हैं। IPL में उन्हें मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) ने खरीदा और डेब्यू का मौका भी दिया। आईपीएल 2023 में अर्जुन ने अपने पहले ही मैच में सधी हुई गेंदबाजी करते हुए दबाव में भी संयम बनाए रखा। हालांकि उनके आंकड़े शुरुआती स्तर पर थे, लेकिन उन्होंने जिस तरह से यॉर्कर और अच्छी लेंथ पर गेंद डाली, उससे क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने उनकी तारीफ की।

 

सोशल मीडिया पर अर्जुन तेंदुलकर को लेकर दो तरह की राय देखने को मिलती है—कुछ लोग उन्हें सचिन के बेटे होने का फायदा मिलने की बात कहते हैं, जबकि क्रिकेट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर वह अपने फिटनेस, स्पीड और एक्युरेसी पर और मेहनत करें तो निश्चित रूप से आने वाले समय में भारतीय टीम में जगह बना सकते हैं। अर्जुन खुद भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि नाम के साथ उम्मीदें और दबाव दोनों आते हैं, लेकिन उनका फोकस सिर्फ अपने गेम को बेहतर करने पर है। वे कई मौकों पर नेट्स में सीनियर खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस करते देखे जाते हैं और अपनी बॉलिंग में लगातार नए-नए वैरिएशन जोड़ रहे हैं।

 

अर्जुन की सबसे बड़ी ताकत उनकी लेफ्ट-आर्म पेस है, क्योंकि भारत के पास हमेशा इस तरह के बॉलर्स की कमी रही है। इंटरनेशनल क्रिकेट में लेफ्ट-आर्म फास्ट बॉलर्स बल्लेबाजों के लिए हमेशा मुश्किल पैदा करते हैं, और अर्जुन इस गैप को भर सकते हैं। उनके रोल मॉडल में ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क और पाकिस्तान के वसीम अकरम जै

से दिग

 

Advertisements

Leave a Comment