AR/VR Training: Jab Training Ban Jaye 3D Anubhav, Tabhi Hota Hai Asli Seekhne Ka Kamaal
आज के डिजिटल दौर में जहाँ टेक्नोलॉजी हर सेक्टर में क्रांति ला रही है, वहीं Augmented Reality (AR) और Virtual Reality (VR) जैसी अत्याधुनिक तकनीकें अब ट्रेनिंग और लर्निंग की दुनिया में भी बड़ा बदलाव लेकर आ चुकी हैं। पारंपरिक ट्रेनिंग जैसे क्लासरूम सेशन या वीडियो लेक्चर अब धीरे-धीरे पुराने हो रहे हैं, क्योंकि आज की वर्कफोर्स को चाहिए ऐसी लर्निंग जो न सिर्फ समझ में आए, बल्कि दिमाग और शरीर दोनों पर असर डाले – और यही काम करता है AR/VR ट्रेनिंग। जब कोई कर्मचारी वर्चुअल दुनिया में खुद जाकर किसी स्किल को practically सीखता है, बिना किसी रियल रिस्क के, तो उसका आत्मविश्वास और परफॉर्मेंस दोनों तेजी से बढ़ते हैं। यही वजह है कि आज हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग, एयरलाइंस, डिफेंस, आईटी, रिटेल से लेकर एजुकेशन तक हर सेक्टर AR/VR आधारित ट्रेनिंग को अपना रहा है।
Virtual Reality (VR) में यूज़र एक खास हेडसेट पहनकर एक 3D वर्चुअल दुनिया में प्रवेश करता है जहाँ वह उस माहौल का हिस्सा बन जाता है – जैसे एक पायलट बिना असली जहाज उड़ाए फ्लाइट सिमुलेटर में उड़ान की प्रैक्टिस करता है, या एक डॉक्टर बिना मरीज को छुए सर्जरी के सारे स्टेप्स बार-बार प्रैक्टिस कर सकता है। वहीं Augmented Reality (AR) रियल वर्ल्ड के ऊपर डिजिटल जानकारी की एक परत चढ़ा देता है – जैसे कोई टेक्नीशियन जब मशीन की मरम्मत कर रहा होता है, तो उसे AR ग्लासेज़ में लाइव इंस्ट्रक्शन दिखते हैं। इससे ना सिर्फ समय बचता है, बल्कि
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