AU Small Finance Bank अब बनेगा Universal Bank – क्या बदल जाएगा आपके लि
AU Small Finance Bank ने अब वो मुकाम हासिल कर लिया है जिसकी तैयारी पिछले कई वर्षों से चल रही थी – RBI की स्वीकृति के बाद अब AU Small Finance Bank एक Universal Bank बनने जा रहा है, यानी अब यह बैंक सिर्फ Small Finance सेवाओं तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरी तरह से एक फुल-फ्लेज्ड कमर्शियल बैंक की तरह काम करेगा, जिसमें सेविंग्स अकाउंट से लेकर क्रेडिट कार्ड, होम लोन, बिजनेस लोन, वेल्थ मैनेजमेंट, इंटरनेशनल बैंकिंग और बहुत कुछ शामिल होगा, और इस बड़े बदलाव से ग्राहकों को क्या फायदा होगा, बैंकिंग सेक्टर में क्या हलचल मचने वाली है और निवेशकों के लिए ये खबर कितनी फायदेमंद साबित हो सकती है, आइए जानते हैं विस्तार से।
AU Small Finance Bank की शुरुआत एक NBFC (Non-Banking Financial Company) के तौर पर हुई थी और 2017 में इसने Small Finance Bank का लाइसेंस हासिल किया, फिर कुछ ही सालों में इसने देश के कई हिस्सों में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई, खासकर राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसकी ब्रांच और डिजिटल सेवाओं ने तेजी से ग्रोथ की, लेकिन अब RBI से Universal Bank की मंजूरी मिलने के बाद AU SFB अब भारत के उन चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस में शामिल हो गया है जो पूरी तरह से एक बैंकिंग सुपरपावर बनने की ओर अग्रसर हैं, और इसका मतलब ये है कि अब यह बैंक सिर्फ फाइनेंशियल इनक्लूजन के लिए ही नहीं बल्कि कॉर्पोरेट और एचएनआई (High Networth Individuals) क्लाइंट्स के लिए भी अत्याधुनिक बैंकिंग सॉल्यूशंस ऑफर कर सकेगा।
इस कदम से सबसे बड़ा फायदा बैंक के मौजूदा ग्राहकों को मिलने वाला है क्योंकि अब उन्हें सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट से लेकर ट्रैवल कार्ड्स, इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन, डेबिट-क्रेडिट फैसिलिटी और यहां तक कि ग्लोबल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स तक एक्सेस मिलने लगेगा, वहीं दूसरी तरफ बैंक अब IPO, Mutual Funds, Demat Services, Wealth Advisory जैसी सर्विसेज में भी अपनी पहुंच बना पाएगा, जिससे इसका रेवेन्यू बेस भी डाइवर्सिफाइड होगा और ग्राहक को All-in-One Financial Platform की सुविधा मिलेगी।
टेक्नोलॉजी के स्तर पर AU Bank पहले से ही काफी आगे रहा है और अब Universal बैंक बनते ही यह डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में अपनी पकड़ और भी मजबूत करेगा, खासकर ग्रामीण भारत में जहां अब भी बड़े बैंकों की मौजूदगी सीमित है, AU Bank वहां Fintech-सक्षम ब्रांचलेस मॉडल या AI-बेस्ड चैटबॉट्स, Video KYC, और फुल डिजिटल लोन डिसबर्समेंट सिस्टम को आगे बढ़ाकर ग्राहक अनुभव को पूरी तरह बदल सकता है।
इस खबर का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है क्योंकि AU Bank के शेयर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने की पूरी संभावना है, RBI की मंजूरी से निवेशकों में यह भरोसा जगा है कि बैंक अब sustainable growth की दिशा में जा रहा है और regulatory रूप से अब इसके पास वो स्पेस है जिसमें यह खुद को HDFC या ICICI जैसे बड़े बैंकों की लीग में लाने की ओर आगे बढ़ सकता है, हालांकि कुछ विश्लेषक ये भी कह रहे हैं कि Universal Bank बनना जितना सुनने में शानदार लगता है, उतना ही इसमें जोखिम और प्रतिस्पर्धा भी है, क्योंकि अब AU Bank को उन दिग्गजों से मुकाबला करना होगा जो दशकों से इस स्पेस में मौजूद हैं।
ग्राहकों के नजरिए से देखा जाए तो यह ट्रांजिशन काफी सकारात्मक है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से AU के ग्राहक हैं और अब उन्हें अन्य बैंकों में खाता या सेवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वहीं नए ग्राहकों के लिए AU अब सिर्फ एक छोटा बैंक नहीं बल्कि एक ऐसी संस्था बन जाएगी जो हर तरह की बैंकिंग जरूरत पूरी करने में सक्षम होगी, साथ ही बैंक के फाउंडर संजय अग्रवाल ने भी इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि AU का सपना हमेशा से एक ‘भारत के लिए भारत का बैंक’ बनाने का रहा है और Universal बैंकिंग की मंजूरी उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह भी गौर करने वाली बात है कि Universal बैंक बनने का मतलब है कि AU को अब Priority Sector Lending की अनिवार्यता पहले जैसी नहीं रह जाएगी, जिससे बैंक अपनी पूंजी का बेहतर उपयोग कर पाएगा और high-margin प्रोडक्ट्स पर फोकस कर सकेगा, हालांकि regulatory supervision अभी भी रहेगा और बैंक को NPA, Risk Management और Governance जैसे क्षेत्रों में और अधिक पारदर्शिता लानी होगी, जो लंबे समय में बैंक के सिस्टम को और मजबूत करेगा।
फिलहाल AU Small Finance Bank की यह छलांग न केवल उसकी ब्रांड वैल्यू को बढ़ाएगी बल्कि भारत के बैंकिंग परिदृश्य को भी नई दिशा देगी, खासकर उस समय में जब देश Fintech, डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन के नए युग में प्रवेश कर चुका है, ऐसे में AU का Universal Bank ब
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