Ayatul Kursi: इस्लाम की सबसे ताकतवर आयत, फायदे और पढ़ने का सही वक्त
आयतुल कुर्सी (Ayatul Kursi) कुरआन की सबसे शक्तिशाली आयतों में से एक मानी जाती है। यह सूरह अल-बकरा की आयत नंबर 255 है, जिसे पढ़ने से इंसान पर अल्लाह की खास रहमत और हिफाज़त नाज़िल होती है।
इस आयत को अक्सर बुरी नज़रों, शैतानी ताकतों और हर तरह की आफ़त से बचने के लिए पढ़ा जाता है। यह ना सिर्फ़ मानसिक सुकून देती है, बल्कि हर मुसलमान की जिंदगी में एक ढाल की तरह काम करती है।
आयतुल कुर्सी पढ़ने के फायदे:
रात को सोने से पहले पढ़ने से अल्लाह एक फ़रिश्ता आपकी हिफाज़त के लिए तैनात कर देता है
घर में पढ़ने से नेमतें बढ़ती हैं और बुरी ताकतें दूर रहती हैं
सफर पर निकलते वक्त पढ़ने से हर मुसीबत से बचाव होता है
बच्चों और घर वालों के ऊपर पढ़ने से शांति और बरकत आती है
कब पढ़ें आयतुल कुर्सी?
हर नमाज़ के बाद
सोने से पहले
घर से निकलते समय
डर और तनाव के समय
इस्लामिक स्कॉलर क्या कहते हैं?
शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस जैसे विद्वान बताते हैं कि आयतुल कुर्सी को दिन में कम से कम तीन बार पढ़ना चाहिए ताकि दिन भर अल्लाह की हिफाज़त में रहा जा सके।
निष्कर्ष:
हर मुसलमान को आयतुल कुर्सी को याद करना और नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। यह आयत सिर्फ़ एक दुआ नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच है जो दुनिया और आखिरत दोनों में काम आती है।