Ayushman Bharat Yojana 2025 में नई Rules & Updates – क्या जानना ज़रूरी है? पूरी जानकारी पढ़ें

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Ayushman Bharat Yojana 2025 में नई Rules & Updates – क्या जानना ज़रूरी है? पूरी जानकारी पढ़ें

 

भारत सरकार ने 2025 में Ayushman Bharat–PM‑JAY को और अधिक समावेशी, डिजिटल और प्रभावी बनाने के लिए कई नए नियम और विस्तार लागू किए हैं। नीचे आपको विस्तार से इन नए अपडेट्स के बारे में बताया जा रहा है।

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➤ 1. Senior Citizens (70+) के लिए विशेष लाभ

 

अब 70 वर्ष से ऊपर की सभी वरिष्ठ नागरिकों को आय अथवा गरीबी स्तर देखे बिना ₹5 लाख प्रति वर्ष स्वास्थ्य कवरेज दिया जाएगा। उन्हें Ayushman Vay Vandana Card के जरिए लाभ मिलेगा।

 

Card Ayushman App से मिल जाएगा, जिससे स्वस्थ्य सेवाओं का उपयोग सुविधाजनक होगा।

 

 

 

 

➤ 2. Budget 2025 में Gig Workers का समावेश

 

बजट 2025 में लगभग 1 करोड़ gig workers को PM-JAY के तहत शामिल करने का निर्णय लिया गया।

 

ये वे लोग हैं जो online platforms (delivery, ride-hailing, freelancing) पर काम करते हैं—उनके लिए स्वास्थ्य बीमा अब उपलब्ध होगा।

 

पंजीकरण e‑Shram Portal पर UAN के माध्यम से होगा।

 

 

 

 

➤ 3. Coverage में विस्तार – सुधार और नए Benefits

 

स्वास्थ्य बीमा की सीमा अभी ₹5 लाख प्रति परिवार ही है, लेकिन कुछ रिपोर्टों में ₹7.5 लाख तक तकसीम में वृद्धि होने की संभावना बताई गई है। हालाँकि इस पर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

 

Diagnostic services (blood test, X‑ray, ultrasound) मुफ्त शामिल किए गए हैं।

 

अब कैंसर स्क्रीनिंग, डायबिटीज़ (Type‑1), हृदय-ओर्थोपेडिक प्रक्रियाएँ जैसे उच्च खर्च वाले इलाज भी कवरेज में आ गए हैं।

 

 

 

 

➤ 4. Empanelment और Implementation Challenges

 

राष्ट्रीय स्तर पर 35000+ अस्पताल scheme में empanelled हो चुके हैं, जिनमें नए प्रमुख private एवं government संस्थान शामिल हुए हैं।

 

लेकिन कुछ राज्यों में—जैसे हरियाणा—650 private अस्पतालों ने 7 अगस्त 2025 से Ayushman में समाप्त होने की चेतावनी दी है, क्योंकि reimbursements रुकी हुई हैं (₹500 करोड़ से अधिक देयता)। आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन elective procedures रोकी जा सकती हैं।

 

कुछ मरीजों की शिकायतें भी सामने आईं जैसे मुंबई में stroke मरीजों को अस्पतालों द्वारा treatment denial जैसी स्थिति बनी है।

 

 

 

 

➤ 5. Digital Integration & Infrastructure

 

Ayushman Bharat Digital Mission (ABDM) के अंतर्गत लगभग 66.70 करोड़ ABHA IDs बनाए जा चुके हैं, जिससे मरीजों का रिकॉर्ड digital health ecosystem से लिंक हो गया है।

 

दिल्ली में हाल ही में Health Information Management System (HIMS) लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से 35 सरकारी अस्पतालों में OPD appointment ऑनलाइन बुक करना, PDF slip, ऑटो real‑time medical records जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह प्रणाली ABHA IDs से जुड़ी है।

 

Ayushman Arogya Mandir (AAM) sub‑centres दिल्ली में जल्दी ही स्थापित किए जा रहे हैं—964 साइट्स चिन्हित, जिनमें से 255 नए स्थायी केंद्र होंगे। यह PM‑ABHIM के तहत preventive, curative और rehabilitative care प्रदान करेंगे।

 

 

 

 

➤ 6. Privacy & Data Concerns

 

IFF (Internet Freedom Foundation) ने बताया कि Ayushman Bharat Digital Mission और NHA की वेबसाइटों पर 28 करोड़ से अधिक मरीजों के व्यक्तिगत मेडिकल डेटा (नाम, डिस्चार्ज डेट, खर्च) सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

 

यह Practice अवैध है और Supreme Court के Puttaswamy judgement के privacy norms का उल्लंघन करती है। शिकायतें NHA और ABDM के ध्यान में लायी गईं लेकिन किसी प्रकार की सुधारात्मक कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली है।

 

 

 

 

➤ सारांश टेबल:

 

श्रेणी मुख्य अपडेट्स

 

Senior Citizens 70+ को ₹5 लाख/year कवरेज, Vay Vandana Card

Gig Workers 1 करोड़ प्लेटफॉर्म वर्कर्स का समावेश, UAN‑based registration

Coverage विस्तार High-cost diseases, diagnostic free, टॉप‑अप योजनाएँ

Digital Infrastructure ABHA IDs, HIMS, Arogya Mandir expansion

Implementation Issues Haryana में reimbursements रुकी, कई अस्पताल सेवा से हटने की चेतावनी

Data Privacy मरीजों का सार्वजनिक डेटा उल्लंघन, IFF ने नीतिगत शिकायतें की हैं

 

 

 

 

➤ भविष्य की संभावनाएँ (Outlook Ahead)

 

Coverage limit ₹7.5 लाख/year तक बढ़ने की सरकारी समीक्षा जारी है; अवसर है कि high-cost care के लिए बेहतर सुरक्षा मिले।

 

Gig workers और senior inclusion जैसे प्रयास scheme को युवा एवं बुज़ुर्ग वर्ग दोनों के लिए सशक्त बना रहे हैं।

 

Digital Health Integration के कारण claim processing, transparency और portability में सुधार होगा।

 

लेकिन यदि reimbursements में देरी जारी रही तो implementation प्रभावित हो सकता है—यही प्रमुख चुनौती बनी हुई है।

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