Bajpur Drowning Incident – बाजपुर में पिता-पुत्र की नदी में डूबने की दर्दनाक घटना

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Bajpur Drowning Incident – बाजपुर में पिता-पुत्र की नदी में डूबने की दर्दनाक घटना

 

Bajpur-tehsil, Uttarakhand के Khamaria गाँव में बारिश का जोर अभी थमा भी नहीं था कि एक और悲惨 घटना सामने आ गई — एक पिता-पुत्र की चुपचाप तैरते समय अचानक नदी के तेज बहाव में बहने की खबर ने गाँव और आसपास के इलाकों को एकदम सदमे में डाल दिया है।

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घटना 4 अगस्त 2025 की बताई जा रही है, जब continuous rains के चलते Bajpur क्षेत्र में पानीभराव (waterlogging) हुआ था। District Disaster Management Officer Umashankar Negi के मुताबिक, 11-साल के Yash Singh पानी की गहराई और बहाव को हल्के में ले बैठा, और इसी बीच वह बह गया—इसके बाद उसका पिता उसे बचाने के लिए कूदा लेकिन दोनों की जान चली गई। यह हादसा खासकर इसलिए और दर्दनाक है क्योंकि यह पूरी घटना कुछ ही पलों में हो गई—बिना किसी चेतावनी या किसी की मौजूदगी के।

 

समुदाय के लोगों ने बताए कि बारिश से बने waterlogged क्षेत्रों में अचानक गहरे पानी के जाल बने हुए थे—जहां पैरों के नीचे की मिट्टी अचानक खत्म हो सकती थी। Yash और उसके पिता भी इसी तरह एक कमजोर ज़मीन के हिस्से में फँस गए, जिसका पता उन्हें बाद में नहीं चला। villagers की मदद ले कर bodies को निकाला गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

 

इस घटना ने एक बार फिर माँग उठाई है कि Bajpur tehsil और आसपास क्षेत्रों में बेहतर flood mapping, early warning systems, safety signages, और community awareness programs शुरू किए जाएँ—ताकि बच्चों और ग्रामीणों को किसी भी जल-आपदा की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने का सही मार्गदर्शन मिल सके।

 

उदाहरण के तौर पर:

 

Rainfall की वजह से बने waterlogging और flash-flood prone क्षेत्रों में “Danger: Risk of sudden drop-off” जैसे signboards लगाना—खासकर गांवों की सडक़ों और पास की नदी किनारों पर।

 

School level water safety education और बच्चों को basic rescue training और life-jackets के इस्तेमाल की awareness देना।

 

Local village volunteers और gram pradhans को खास तौर पर तैयार करना, ताकि वे बारिश के दौरान इन इलाकों की निगरानी कर सकें।

 

 

Bajpur tragedy हमें यह याद दिलाती है कि जब प्रकृति का गुस्सा अचानक सामने आए, तो हमारी न्यूनतम preparedness ही जान बचा सकती है।

 

पुरस्कृत और प्रभावी डिजास्टर प्रबंधन के लिए सरकार के साथ-साथ NGOs, local bodies, और media—सबका जिम्मा बनता है कि ऐसी घटनाओं को highlight करें, जिससे लोगों में सावधानी और

जागरूकता बढ़े।

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