Dalai Lama के उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा ऐलान, चीन को दिया दो टूक जवाब
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से पहले एक ऐसा बयान दिया है, जिसने दुनिया का ध्यान फिर से तिब्बत-चीन विवाद की ओर खींच लिया है। दलाई लामा ने साफ कहा है कि उनका उत्तराधिकारी अब तिब्बत या चीन में नहीं, बल्कि “स्वतंत्र दुनिया” में पैदा होगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन पहले ही यह दावा कर चुका है कि अगला दलाई लामा उसी के द्वारा तय किया जाएगा।
दलाई लामा का स्पष्ट संदेश
6 जुलाई 1935 को जन्मे तेनजिन ग्यात्सो, जो 14वें दलाई लामा हैं, अब 90 वर्ष के हो चुके हैं। उन्होंने कहा है कि उनका पुनर्जन्म भारत या किसी अन्य लोकतांत्रिक देश में हो सकता है, लेकिन चीन में नहीं, जहां धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है।
“मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरी अगली पुनर्जन्म की पहचान गदेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा की जाएगी, ना कि किसी राजनीतिक सत्ता द्वारा।” – दलाई लामा
चीन और तिब्बत के बीच विवाद गहराया
चीन का कहना है कि वह “गोल्डन अर्न प्रणाली” के जरिए ही अगला दलाई लामा चुनेगा, जो बीजिंग के मुताबिक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से मान्यता प्राप्त तरीका है। लेकिन दलाई लामा और तिब्बती समुदाय इसे राजनीतिक हस्तक्षेप मानते हैं।
धर्मशाला में जुटे वरिष्ठ भिक्षु
दलाई लामा के 90वें जन्मदिन से पहले हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित तिब्बती मठों में विशेष धार्मिक आयोजन और विचार-विमर्श हो रहे हैं। कई वरिष्ठ भिक्षुओं ने इस मुद्दे पर समर्थन जताया है कि पुनर्जन्म की प्रक्रिया पूरी तरह आध्यात्मिक और स्वतंत्र होनी चाहिए।
दुनिया भर से समर्थन
दुनिया भर में मानवाधिकार संगठनों, नेताओं और धार्मिक समुदायों ने दलाई लामा के फैसले का समर्थन किया है। खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने चीन से धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने की अपील की है।