BM-21 ग्रैड रॉकेट सिस्टम पर ड्रोन हमलों का साया – सोवियत तकनीक की ताकत अब कमजोर पड़ती दिख रही है

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BM-21 ग्रैड रॉकेट सिस्टम पर ड्रोन हमलों का साया – सोवियत तकनीक की ताकत अब कमजोर पड़ती दिख रही है

 

दुनिया के सबसे पुराने और घातक मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम में से एक BM-21 ग्रैड, जो 1960 के दशक में सोवियत यूनियन द्वारा विकसित किया गया था, आज भी कई देशों की सेनाओं में सक्रिय है, लेकिन अब यह आधुनिक ड्रोन हमलों के सामने कमजोर साबित हो रहा है। हाल ही में यूक्रेन की सेना ने अपने FPV ड्रोन के जरिए रूस के BM-21 लॉन्चर को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया, और यह पूरी कार्रवाई वीडियो में कैद भी हुई जो अब वायरल हो रही है। BM-21 में एक बार में 40 रॉकेट दागने की क्षमता होती है, लेकिन इसकी लोकेशन आसानी से ट्रैक की जा सकती है और यह चलती हुई स्थिति में तेजी से शिफ्ट नहीं हो पाता, जिससे यह ड्रोन हमलों के लिए एक आसान लक्ष्य बन गया है। थाईलैंड और यूक्रेन जैसे देश अब इस सिस्टम के अपग्रेडेड वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें डिजिटल फायर कंट्रोल और बेहतर सुरक्षा फीचर्स जोड़े गए हैं, लेकिन मूलभूत डिज़ाइन अब 21वीं सदी की वॉरफेयर टेक्नोलॉजी के सामने टिक नहीं पा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि BM-21 ग्रैड जैसी ओपन-टॉप, नॉन-शिल्डेड और लो-मोबिलिटी सिस्टम को अब या तो पूरी तरह आधुनिक बनाना होगा या रिटायर कर देना होगा। यह मामला सिर्फ पुराने हथियारों की ताकत पर नहीं, बल्कि आधुनिक युद्ध की बदलती रणनीति और तकनीक पर भी सवाल खड़े करता है।

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