रूसी तेल पर डिस्काउंट के साथ व्यापार सहयोग जारी, मॉस्को से सकारात्मक संकेत

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रूसी तेल पर डिस्काउंट के साथ व्यापार सहयोग जारी, मॉस्को से सकारात्मक संके

 

भारत और रूस के बीच ऊर्जा सहयोग (Energy Cooperation) लगातार मजबूत होता जा रहा है और अब मॉस्को से संकेत मिले हैं कि रूसी तेल (Russian Oil) पर डिस्काउंट व्यवस्था आने वाले महीनों में भी जारी रहेगी, जिससे भारत को सस्ती ऊर्जा आपूर्ति का लाभ मिलेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने साफ कहा है कि वह भारत जैसे स्ट्रैटेजिक पार्टनर के साथ क्रूड ऑयल ट्रेड को और गहराई तक ले जाना चाहता है और डिस्काउंटेड रेट पर कच्चा तेल बेचने की मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध (Western Sanctions) का असर है और ऐसे हालात में भारत उसके लिए एक बड़ा खरीदार बनकर उभरा है, यही वजह है कि रूस लगातार भारत को प्राथमिकता दे रहा है।

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जानकारी के अनुसार 2022 से रूस भारत के लिए सबसे बड़े क्रूड सप्लायर्स में से एक बन गया है और डिस्काउंट पर तेल खरीदने से भारत को अरबों डॉलर की बचत हुई है, इससे न केवल आयात बिल कम हुआ बल्कि घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को स्थिर रखने में भी मदद मिली। इस व्यवस्था से भारतीय रिफाइनरीज़ को भी फायदा हुआ है क्योंकि वे सस्ते दामों पर क्रूड लेकर बेहतर मार्जिन कमा रही हैं।

 

मॉस्को ने यह भी संकेत दिया है कि वह भारत के साथ लॉन्ग-टर्म एनर्जी डील पर विचार कर रहा है ताकि भविष्य में भी दोनों देशों के बीच स्थिर और भरोसेमंद आपूर्ति बनी रहे, इसके साथ ही पेमेंट सेटलमेंट को लेकर भी चर्चा जारी है क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों की वजह से डॉलर पेमेंट में दिक्कत आती है, इसलिए भारत-रूस रुपये और अन्य करेंसी में पेमेंट मैकेनिज्म को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि डिस्काउंटेड रूसी तेल भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) का अहम स्तंभ बन चुका है और अगर यह सहयोग लंबे समय तक जारी रहता है तो भारत की अर्थव्यवस्था और इंडस्ट्री को बड़ा लाभ मिलेगा। हालांकि पश्चिमी देशों की ओर से दबाव और वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियां इस पर असर डाल सकती हैं लेकिन मौजूदा हालात बताते हैं कि भारत और रूस दोनों ही अपने-अपने हित में इस व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं।

 

कुल मिलाकर मॉस्को से आए सकारात्मक संकेत यह दर्शाते हैं कि डिस्काउंट पर रूसी तेल खरीदना जारी रहेगा और इससे भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी राहत और स्थिरता मिलेगी, वहीं रूस के लिए भी यह आर्थिक सहयोग उसकी मुश्किल परिस्थितियों में मददगार साबित हो रहा है।

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