चीन की रणनीति: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को भारत के पास खींचने की कोशिश में

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चीन की रणनीति: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को भारत के पास खींचने की कोशिश में

 

दक्षिण एशिया (South Asia) की राजनीति में एक नया भू-रणनीतिक बदलाव (Geopolitical Shift) सामने आ रहा है, जहां चीन (China) अपनी विदेश नीति और आर्थिक निवेश (Foreign Policy and Economic Investments) के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को भारत (India) के मुकाबले अपने करीब लाने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सीधे तौर पर भारत के प्रभाव क्षेत्र (Sphere of Influence) को चुनौती देने और एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। पाकिस्तान (Pakistan) पहले से ही चीन के Belt and Road Initiative (BRI) के अंतर्गत CPEC यानी China-Pakistan Economic Corridor के जरिए गहरे जुड़ा हुआ है। हाल ही में पाकिस्तान की आर्थिक संकट से उबरने में चीन की मदद और बड़े पैमाने पर कर्ज दिए जाने से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हुए हैं। दूसरी ओर बांग्लादेश (Bangladesh) भी अपनी Textile और Manufacturing Economy के लिए चीन पर अधिक निर्भर होता जा रहा है। ढाका ने हाल ही में Beijing से कई Infrastructure और Power Sector Deals साइन किए हैं, जिससे उसका झुकाव भारत की बजाय चीन की ओर बढ़ता दिख रहा है। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की सत्ता स्थापित होने के बाद चीन ने वहां निवेश बढ़ाने और Rare Earth Minerals की खोज करने का वादा किया है। इसके साथ ही Kabul को Political Recognition देने और Security Support प्रदान करने के संकेत भी दिए गए हैं, जिससे अफगानिस्तान को आर्थिक स्थिरता और वैधता (Legitimacy) पाने की उम्मीद बंधती है।

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विश्लेषकों का कहना है कि चीन का यह कदम “String of Pearls” Strategy का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत को चारों ओर से घेरने की तैयारी कर रहा है। South China Sea में आक्रामक रवैया, Sri Lanka में Hambantota Port, Maldives में बढ़ती मौजूदगी और अब Pakistan-Bangladesh-Afghanistan को अपने नज़दीक लाना — यह सब संकेत हैं कि Beijing एशिया में Power Balance बदलना चाहता है। भारत के लिए चुनौती यह है कि वह Quad (India-US-Japan-Australia) और Indo-Pacific Strategy के जरिए अपनी स्थिति को मजबूत बनाए, लेकिन पड़ोसी देशों को पूरी तरह चीन के पाले में जाने से रोकने के लिए New Delhi को अपनी Neighbourhood Policy और Regional Diplomacy को और सक्रिय करना होगा। Experts का मानना है कि India को अपने पड़ोसियों के साथ Trade, Energy, Education और Security Cooperation में निवेश बढ़ाना चाहिए ताकि Beijing की Influence को काउंटर किया जा सके।

 

चीन की यह Diplomacy केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है बल्कि Soft Power और Cultural Exchange के जरिए भी वह South Asia में अपनी पकड़ बढ़ाना चाहता है। Confucius Institutes, Scholarships और Media Influence के जरिए China पड़ोसी देशों की नई पीढ़ी को प्रभावित करने की रणनीति पर काम कर रहा है। वहीं भारत को अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृ

तिक निकट

 

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