स्वतंत्रता की परिभाषा फिर बदली” — नई पीढ़ी का देशभक्ति का नया नजरिया
आज़ादी का मतलब हर दौर में बदलता रहा है और Independence Day 2025 के अवसर पर नई पीढ़ी ने इसे एक बार फिर नए ढंग से परिभाषित कर दिया है, इस बार देशभर के युवाओं और स्टूडेंट्स ने “स्वतंत्रता की परिभाषा फिर बदली” नाम से एक अभियान शुरू किया है जिसमें उन्होंने यह संदेश दिया कि देशभक्ति केवल झंडा लहराने, भाषण देने या परेड देखने तक सीमित नहीं है बल्कि यह अपने काम, अपने व्यवहार और अपनी सोच में दिखाई देनी चाहिए, सोशल मीडिया पर #NayiAzadi और #FreedomRedefined जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं और लाखों युवाओं ने अपनी कहानियाँ और विचार साझा करके बताया कि उनके लिए असली स्वतंत्रता क्या है, दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक स्टूडेंट ने लिखा कि “स्वतंत्रता का मतलब है बिना किसी डर के अपनी पढ़ाई और करियर चुनने की आज़ादी”, वहीं मुंबई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने कहा कि “देशभक्ति है जब हम अपने हुनर से भारत को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में आगे बढ़ाएं”, इस अभियान में सबसे खास बात यह रही कि नई पीढ़ी ने स्वतंत्रता और देशभक्ति को केवल देश के प्रति जिम्मेदारी से नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव और मानवता की सेवा से भी जोड़ा है,
लखनऊ, पटना, जयपुर और भोपाल जैसे शहरों में युवाओं ने स्वतंत्रता दिवस से पहले फ्लैश मॉब, स्ट्रीट प्ले और पब्लिक डिस्कशन आयोजित किए जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, पर्यावरण और जेंडर इक्वालिटी जैसे मुद्दों को स्वतंत्रता की नई परिभाषा से जोड़ा, उनका कहना था कि जब तक समाज इन समस्याओं से मुक्त नहीं होगा तब तक असली स्वतंत्रता अधूरी रहेगी, सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियोज़ में देखा गया कि युवा तिरंगा लहराते हुए “हमारी आज़ादी हमारी जिम्मेदारी” का संदेश दे रहे हैं,
इस अभियान का एक और अहम हिस्सा “Digital Freedom Wall” है, जहां देशभर से युवाओं ने ऑनलाइन अपने विचार लिखे कि उनके लिए स्वतंत्रता का क्या अर्थ है, किसी ने लिखा “स्वतंत्रता है अपनी आवाज़ उठाने का हक”, तो किसी ने लिखा “देशभक्ति है जब हम किसी की मदद बिना स्वार्थ के करें”, इस वॉल को Independence Day 2025 पर लाइव प्रदर्शित किया जाएगा,
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नई सोच से देशभक्ति का दायरा और व्यापक हो गया है क्योंकि अब युवा केवल राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं बल्कि मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता को भी उतना ही महत्वपूर्ण मानते हैं, इस पहल में शामिल युवाओं ने यह भी कहा कि आज़ादी की असली कीमत तब समझ में आती है जब हम अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी निभाते हैं,
दिल्ली और मुंबई में आयोजित पैनल डिस्कशन में स्टूडेंट्स ने खुलकर कहा कि नई पीढ़ी के लिए स्वतंत्रता का मतलब केवल एक छुट्टी या औपचारिक आयोजन नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का तरीका है, इस मौके पर कई युवाओं ने यह संकल्प भी लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करेंगे ताकि भारत और मज़बूत बने,
कुल मिलाकर “स्वतंत्रता की परिभाषा फिर बदली” नामक यह पहल नई पीढ़ी के देशभक्ति के नज़रिए को सामने ला रही है, Independence Day 2025 के इस माहौल में यह अभियान न केवल युवाओं को बल्कि पूरे समाज को यह संदेश दे रहा है कि देशभक्ति का मतलब केवल शब्दों या नारों में नहीं बल्कि जीवनशैली में होना चाहिए, यही वजह है कि इस साल का स्वतंत्रता दिवस युवाओं के इन नए विचारों और संकल्पों की वजह से और भी यादगार बन गया है और पूरे देश में यह संदेश गूंज रहा है कि आज़ादी की असली परिभाषा अब नई पीढ़ी गढ़ रही है।