H1: ट्रम्प के 25% टैरिफ का असर – भारत की आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी

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 H1: ट्रम्प के 25% टैरिफ का असर – भारत की आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी

 

नमस्ते! आज हम जानेंगे कि 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाले ट्रम्प के 25% टैरिफ से भारत पर क्या असर होगा। इसमें शामिल होंगे प्रमुख सेक्टर, संभावित GDP प्रभाव, और भारत की प्रतिक्रिया।

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– 1. क्या हुआ? – टैरिफ की घोषणा

 

30 जुलाई 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से आयात पर 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा की, साथ ही रूसी तेल और रक्षा उपकरण खरीदने पर अनिर्दिष्ट अतिरिक्त “penalty” की बात की गई ।

 

यह निर्णय 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हो जाएगा ।

 

 

 

2. प्रभावित सेक्टर और उत्पाद

 

टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले उद्योग होंगे:

 

**रत्न व आभूषण (जेम्स, डायमंड्स)**

 

वस्त्र एवं टेक्सटाइल्स

 

रासायनिक सामग्री

 

सिरेमिक्स और मशीन टूल्स ।

 

 

उदाहरण के लिए:

 

जेम्स और ज्वैलरी पर संयुक्त टैरिफ अब 30‑38.5% तक हो सकता है (वर्तमान में 5–13.5%)।

 

वस्त्र निर्यात पर कुल शुल्क पहुँच सकता है 37% तक (12% + 25%) ।

 

3. GDP और आर्थिक असर

 

अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह टैरिफ भारत की GDP में 20‑50 बेसिस पॉइंट (0.2–0.5%) की कमी ला सकता है ।

 

अन्य रिपोर्ट्स ने संकेत दिया है कि 20‑30 bps तक प्रभाव हो सकता है, लेकिन देश की मजबूत घरेलू मांग से प्रभाव सीमित रह सकता है ।

 

 

 

4. आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धा

 

भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो सकती है क्योंकि अन्य देशों जैसे Bangladesh, Vietnam पहले से ही अमेरिकी बाज़ार में प्रभावी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं ।

 

भारत अभी भी चीन‑plus‑one रणनीति में अहम manufacturing गंतव्य बना हुआ है, लेकिन निर्यात निरंतर चुनौतीपूर्ण हो सकता है ।

 

 

5. भारत की प्रतिक्रिया और नीति दृष्टिकोण

 

वाणिज्य मंत्री, Piyush Goyal ने संसद में कहा कि कोई भी व्यापार समझौता देश के हितों का समझौता नहीं करेगा। उन्होंने राष्ट्रीय हितों की रक्षा पर जोर दिया ।

 

नीति निर्माता इस स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं और WTO जैसे द्विपक्षीय मंचों पर विकल्प तलाशने की तैयारी में हैं ।

 

भारत अपने कृषि और MSME क्षेत्रों की रक्षा के पक्ष में दृढ़ खड़ा है, और तत्काल कोई समझौता तब तक नहीं करेगा जब तक यह “असंतुलित” न हो ।

 

 

 

 

🎯 6. आगे क्या हो सकता है?

 

Trade talks अगले दौर में अगस्त‑सितंबर में: छठी वार्ता में टैरिफ दरों की समीक्षा हो सकती है और penalty की स्पष्टता मिल सकती है ।

 

निर्यात विविधीकरण: भारत EU, UK, ASEAN ओर नए बाजारों की तरफ आकर्षित हो रहा है, ताकि US‑मामले पर निर्भरता कम हो सके ।

 

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा: Make in India और Atmanirbhar Bharat पहलों के तहत स्थानीय विनिर्माण को आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति पर जोर बना रहेगा।

 

 

 

 

🎙️ वीडियो वॉयसओवर स्क्रिप्ट (संवादात्मक लय में)

 

> “Trump ने 30 जुलाई 2025 को भारत से वे वस्तुएं पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी, जिसकी प्रभावी तिथि 1 अगस्त से है।

 

सबसे बड़ा झटका उन उद्योगों को होगा जो अमेरिका को वस्त्र, गहने, रत्न और रसायन निर्यात करते हैं। कुल शुल्क अब 30–38% तक बढ़ सकता है, जिससे मांग में गिरावट हो सकती है।

 

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ये टैरिफ GDP की वृद्धि में 0.2–0.5% तक गिरावट ला सकते हैं, लेकिन भारत की घरेलू मांग मजबूत होने से यह झटका सीमित रह सकता है।

 

सरकार ने साफ कहा: देशहित से समझौता नहीं होगा, और यह कदम trade talks को प्रभावित कर सकता है।

 

अगर कोई टिकाऊ समझौता न हुआ, तो यह टैरिफ भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, रोजगार और एक्सपोर्ट संभावनाओं पर भारी पड़ सकता है।”

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