Ethiopia: अफ्रीका का ऐतिहासिक रत्न, जो आज भी संघर्ष और समृद्धि के दोराहे पर खड़ा है
इथियोपिया, एक ऐसा देश जिसे दुनिया अक्सर सिर्फ संघर्ष और भूखमरी के दृष्टिकोण से देखती है, लेकिन इसकी पहचान सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं है। अफ्रीका का यह प्राचीन राष्ट्र अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात है।
इथियोपिया का इतिहास – सभ्यता का पालना
इथियोपिया को अफ्रीकी सभ्यता की जननी कहा जाता है। यहां इंसान की सबसे पुरानी हड्डियों की खोज हुई – ‘लूसी’ (Lucy) नामक कंकाल को माना जाता है 3.2 मिलियन वर्ष पुराना। यही वह भूमि है जहां सम्राटों की सभ्यता फली-फूली, और जहां से अफ्रीकी ईसाई संस्कृति की नींव पड़ी।
आज का इथियोपिया – संघर्ष और उम्मीद के बीच
हाल के वर्षों में, इथियोपिया ने आंतरिक टकरावों, विशेषकर टिग्रे (Tigray) क्षेत्र में हिंसक संघर्ष का सामना किया है। हजारों लोगों की मौत, लाखों की विस्थापन और मानवीय संकट इस देश को झकझोर गए।
हालांकि, एक उम्मीद की किरण यह है कि इथियोपिया धीरे-धीरे शांति की ओर बढ़ रहा है। अफ्रीकी यूनियन और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं की मध्यस्थता से शांति प्रयास जारी हैं।
इथियोपिया की अर्थव्यवस्था – विकास के संकेत
कृषि: देश की 70% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। कॉफी उत्पादन में इथियोपिया दुनिया के शीर्ष देशों में आता है।
टूरिज्म: लालिबेला की चट्टानों से तराशी गई चर्च, सिमिएन माउंटेन्स, और बहिर दर जैसे प्राकृतिक स्थल दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
बुनियादी ढांचा: चीन और अन्य देशों के सहयोग से इथियोपिया में रेलवे, सड़कें और पनबिजली परियोजनाएं तेज़ी से बन रही हैं।
इथियोपिया का वैश्विक महत्व
इथियोपिया अफ्रीकी यूनियन का मुख्यालय है। यह दर्शाता है कि यह देश अफ्रीकी राजनीति और कूटनीति में कितनी अहम भूमिका निभाता है। साथ ही, इथियोपिया ने जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार और आप्रवासन जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
क्या भविष्य उज्जवल है?
अगर शांति बनाए रखने में सफलता मिलती है, तो इथियोपिया अफ्रीका के सबसे तेज़ी से बढ़ते देशों में गिना जा सकता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीक के क्षेत्र में निवेश बढ़ रहा है और युवा आबादी देश की रीढ़ बन सकती है।