G20: अर्थव्यवस्था, वित्तीय संकट, और व्यापार मुद्दों पर सहयोग करने वाला अंतर्राष्ट्रीय मंच
G20 (ग्रुप ऑफ ट्वेंटी) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 20 प्रमुख आर्थिक देशों को समेटता है। जी20 में सभी जी7 देशों (यूनाइटेड स्टेट्स, जापान, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, कनाडा) के साथ अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक देश जैसे कि चीन, भारत, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, तुर्की, सउदी अरब, मेक्सिको, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और यूरोपीय संघ शामिल होते हैं।
जी20 (ग्रुप ऑफ ट्वेंटी) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 20 प्रमुख आर्थिक देशों को समेटता है। इसमें विश्व के विकासशील और आर्थिक बढ़त वाले देशों के प्रतिनिधित्व होता है। यह संगठन 1999 में तत्त्वाधान मिलने के बाद से स्थापित हुआ था।
जी20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग, वित्तीय स्थिरता, विश्व व्यापार और आर्थिक विकास के मुद्दों पर समझौता करना है। यह देशों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और नीतिगत सुझाव देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
जी20 के अध्यक्ष देश वार्षिक रूप से बदलते हैं और इसकी समिति, मंत्रिपरिषद और तकनीकी समूहों के जरिए कार्य करती है। इसके अध्यक्षता के दौरान, विभिन्न मुद्दों पर समझौते हस्तांतरित किए जाते हैं और यह गट-संघर्षों, वित्तीय संकटों, आर्थिक नीतियों और विश्व व्यापार के मामलों को समाधान करने की कोशिश करता है।
जी20 के द्वारा विचार-विमर्श किए जाने वाले मुद्दे विशेष रूप से आर्थिक विकास, वित्तीय संकट, अर्थव्यवस्था की स्थिरता, वित्तीय सेवाओं के विकास, विश्व व्यापार, आर्थिक संबंध, कार्बन उत्सर्जन संकट, व्यापारिक मुद्दे, निवेश, ग्लोबल ग्राहकों की संरक्षा, गरीबी उन्मूलन, नवाचारी विकास, आदि शामिल होते हैं।
जी20 के सदस्य देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है और साझा दृष्टिकोण विकसित किया जाता है। इन सम्मेलनों में सदस्य देश आर्थिक नीतियों, कार्यक्रमों, और सहयोग के माध्यम से आपसी समझौता करते हैं और संयुक्त प्रेस सूचनाएं जारी करते हैं।
जी20 का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग और सुदृढ़ीकरण को प्रोत्साहित करना है ताकि सभी सदस्य देश एक समृद्ध और स्थिर आर्थिक परिस्थिति में विकास कर सकें।
जी20 के द्वारा विचार-विमर्श किए जाने वाले मुद्दे विशेष रूप से आर्थिक विकास, वित्तीय संकट, अर्थव्यवस्था की स्थिरता, वित्तीय सेवाओं के विकास, विश्व व्यापार, आर्थिक संबंध, कार्बन उत्सर्जन संकट, व्यापारिक मुद्दे, निवेश, ग्लोबल ग्राहकों की संरक्षा, गरीबी उन्मूलन, नवाचारी विकास आदि शामिल होते हैं।
जी20 के सदस्य देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है और साझा दृष्टिकोण विकसित किया जाता है। इन सम्मेलनों में सदस्य देश आर्थिक नीतियों, कार्यक्रमों, और सहयोग के माध्यम से आपसी समझौता करते हैं और संयुक्त प्रेस सूचनाएं जारी करते हैं।
जी20 का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग और सुदृढ़ीकरण को प्रोत्साहित करना है ताकि सभी सदस्य देश एक समृद्ध और स्थिर आर्थिक परिस्थिति में विकास कर सकें।
जी20 (ग्रुप ऑफ ट्वेंटी) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व के 20 प्रमुख आर्थिक देशों को समेटता है। यह संगठन 1999 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है। जी20 सदस्य देशों का कुल जनसंख्या और विश्वीय जीडीपी का लगभग 80% क्षेत्र को कवर करता है।
जी20 का प्रमुख उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग, वित्तीय स्थिरता, और विश्व व्यापार के मुद्दों पर चर्चा करना है। सदस्य देशों के नेताओं के बीच नियमित रूप से आयोजित होने वाले सम्मेलनों में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है और संयुक्त रूप से नीतिगत समझौते पर हस्ताक्षर किए जाते हैं।
जी20 के सदस्य देशों में भारत, चीन, अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, इटली, ब्राजील, रूस, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, इंडोनेशिया, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, आर्जेंटीना, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया आदि शामिल हैं।
जी20 एक महत्वपूर्ण आर्थिक फोरम है जो आर्थिक संघर्षों, वित्तीय संकटों, व्यापारिक मुद्दों और ग्लोबल आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श करता है। इसके अलावा, जी20 महत्वपूर्ण विषयों पर आपसी समझौते पर हस्ताक्षर करके वैश्विक सहयोग को सुदृढ़ित करने का प्रयास करता है। यह एक मंच प्रदान करता है जहां देशों के नेताओं और वित्तीय निकायों के प्रमुख एकत्र होकर आर्थिक मुद्दों पर आपसी सहमति बना सकते हैं। जी20 की महत्वपूर्णता उनकी शक्तिशाली आर्थिक प्रभावशीलता और उनके गठन कर्ताओं के विवेकशील नेतृत्व में होती है।