उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 पर हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई, 11 जून के शासनादेश को लेकर सरकार रखेगी पक्ष
उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर आज का दिन बेहद अहम है। सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद, अब मंगलवार को दोबारा सुनवाई होनी है। चुनाव को लेकर जारी उठापटक के बीच 11 जून के शासनादेश और उसमें आरक्षण व्यवस्था को चुनौती दिए जाने के मामले में आज हाईकोर्ट में सरकार अपना पक्ष रखने वाली है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से चुनाव प्रक्रिया को न्यायिक रूप से उचित ठहराने के लिए आवश्यक दस्तावेज पेश किए जाएंगे और कोर्ट को यह बताया जाएगा कि आरक्षण व्यवस्था को लेकर शासन ने किस आधार पर निर्देश जारी किए थे।
बता दें कि सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी थी। अदालत ने यह अंतरिम आदेश इसलिए जारी किया क्योंकि चुनाव संबंधी नियमावली का गजट नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुआ था। यही कारण बना कि अदालत ने यह कहकर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी कि जब तक विधिक औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं, तब तक चुनाव कराना उचित नहीं होगा।
इस रोक के बाद से प्रदेशभर में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों पर होने वाले चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चुनाव की तारीखें तय करने की तैयारी कर रहे निर्वाचन विभाग को भी झटका लगा है।
अब आज की सुनवाई में यह देखना अहम होगा कि क्या हाईकोर्ट सरकार की दलीलें मानकर रोक हटाता है या फिर प्रक्रिया को लंबित रखता है। यदि कोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक को यथावत रखा, तो पंचायत चुनाव आगे खिसक सकते हैं, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के आरक्षण को लेकर पहले भी कई बार अदालत में याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। इस बार मुद्दा 11 जून को जारी शासनादेश में आरक्षण के निर्धारण को लेकर है, जिसके आधार पर कई वर्गों ने आपत्ति दर्ज कराई थी।
अब आज की सुनवाई के बाद ही यह तय हो पाएगा कि पंचायत चुनाव अपने तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे या फिर राज्य सरकार को आरक्षण और नियमावली में संशोधन कर पुनः प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी।