GPT-5 Leak on GitHub?”—AI Future का Code इंटरनेट पर आया और गायब हो गया
AI जगत में तब हलचल मच गई जब GitHub पर कथित तौर पर OpenAI के अपकमिंग GPT‑5 मॉडल से जुड़ा एक लीक पोस्ट सामने आया, जिसने पूरे टेक्नोलॉजी कम्युनिटी में सनसनी फैला दी, यह पोस्ट कुछ घंटों के लिए ही लाइव रहा, लेकिन उससे पहले ही ट्विटर, Reddit और X जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इसके स्क्रीनशॉट्स और कोड स्निपेट्स वायरल हो चुके थे, इस GitHub लीक में GPT‑5 के प्री-ट्रेनिंग आर्किटेक्चर, लेयर कन्फ़िगरेशन और कुछ नई “context-bridging” कैपेबिलिटीज का ज़िक्र था, जिन्हें GPT‑4 से कहीं अधिक एडवांस बताया गया, हलांकि OpenAI ने आधिकारिक रूप से इस लीक की पुष्टि या खंडन नहीं किया है, लेकिन GitHub से इस पोस्ट को हटाए जाने की तेजी और उसके पीछे लगाए गए DMCA टेकडाउन नोटिस से यह साफ हो गया कि मामला कुछ गंभीर है, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि यह लीक वास्तविक था, तो यह ना केवल OpenAI की सुरक्षा नीतियों पर सवाल खड़े करता है बल्कि आने वाले GPT‑5 मॉडल की संभावनाओं की एक झलक भी देता है, लीक में बताया गया कि GPT‑5 मॉडल में लगभग 3 ट्रिलियन पैरामीटर्स हैं, जो GPT‑4 से दोगुना अधिक हैं, इसके अलावा इसमें “Multi-modal Persistent Memory” नाम की एक नई तकनीक का उल्लेख था, जो मॉडल को लम्बे समय तक यूज़र इंटरैक्शन याद रखने और उनमें लॉजिकल कनेक्शन जोड़ने की क्षमता देती है, इस फीचर को देखकर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि GPT‑5 केवल चैटबॉट न होकर अब एक असिस्टेंट की तरह व्यवहार करेगा जो लगातार सीखता रहेगा, GitHub लीक में यह भी लिखा था कि GPT‑5 में नया कंपोजिशनल रीजनिंग एआई फ्रेमवर्क डाला गया है, जो complex logic chains को समझने में सक्षम है, यानि मॉडल अब step-by-step deduction के ज़रिए न केवल प्रश्न हल करेगा, बल्कि reasoning भी explain करेगा, कुछ Reddit यूज़र्स ने दावा किया कि उन्होंने लीक फोल्डर में एक XML-style लॉग देखा जिसमें “Data: 2025-06-13, Training Endpoint Finalized” जैसी एंट्रीज़ थीं, जो दर्शाता है कि GPT‑5 का ट्रेनिंग फेज़ जून 2025 में पूरा हो चुका है और अब यह Deployment या Closed Testing Phase में है, हालांकि OpenAI की ओर से इन सभी बातों पर चुप्पी साधे रखना इस मामले को और रहस्यमय बना रहा है, वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह लीक असली नहीं बल्कि एक “bait leak” हो सकता है, जिसे जानबूझकर प्लांट किया गया हो ताकि इंटरनल सुरक्षा को टेस्ट किया जा सके या फिर मार्केट की प्रतिक्रिया को समझा जा सके, लेकिन चाहे यह असली हो या नकली, इसने AI कम्युनिटी में हलचल जरूर पैदा कर दी है, खासकर तब जब GPT‑4.5 की रिलीज़ के बाद से ही यूज़र्स नए
मॉडल की