गाइडेड करिश्मा” — लोकल हीरोज ने स्कूलों में शुरू की देशभक्ति की पाठशाला

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गाइडेड करिश्मा” — लोकल हीरोज ने स्कूलों में शुरू की देशभक्ति की पाठशाला

 

आज के समय में जब नई पीढ़ी मोबाइल, सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी की दुनिया में खोती जा रही है, ऐसे माहौल में बच्चों और युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाना एक चुनौती बन गया है, इसी सोच को साकार रूप देते हुए देश के कई राज्यों में “गाइडेड करिश्मा” नामक एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिसके तहत लोकल हीरोज यानी समाज के असली नायक जैसे रिटायर्ड आर्मी अफसर, पुलिस अधिकारी, समाजसेवी, डॉक्टर, वैज्ञानिक, शिक्षक और यहां तक कि स्थानीय स्तर पर काम करने वाले किसान व खिलाड़ी स्कूलों में जाकर बच्चों को देशभक्ति की पाठशाला पढ़ा रहे हैं, Independence Day 2025 के करीब आते ही इस पहल को और ज्यादा लोकप्रियता मिल रही है क्योंकि इसका सीधा मकसद है कि अगली पीढ़ी को केवल किताबों से नहीं बल्कि वास्तविक अनुभवों से देशप्रेम और राष्ट्रसेवा का महत्व समझाया जाए,

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दिल्ली, लखनऊ, भोपाल, जयपुर, पटना, चंडीगढ़ और मुंबई के कई स्कूलों में इस कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है जहां बच्चों को न सिर्फ शहीदों की कहानियाँ सुनाई जा रही हैं बल्कि लोकल हीरोज अपने व्यक्तिगत अनुभवों के जरिए उन्हें यह समझा रहे हैं कि देशभक्ति का मतलब केवल युद्धभूमि तक सीमित नहीं है बल्कि यह हर क्षेत्र में ज़िम्मेदारी निभाने और ईमानदारी से काम करने में भी छिपा है, एक रिटायर्ड आर्मी अफसर ने बच्चों को बताया कि कैसे अनुशासन और साहस इंसान को न सिर्फ अच्छा सैनिक बल्कि एक अच्छा नागरिक भी बनाते हैं, वहीं एक डॉक्टर ने समझाया कि मरीजों की सेवा भी राष्ट्रसेवा है, एक किसान ने यह संदेश दिया कि अन्न उत्पादन कर देश को आत्मनिर्भर बनाना भी देशभक्ति का ही हिस्सा है,

 

इस अभियान के तहत बच्चों को प्रैक्टिकल एक्टिविटीज़ में भी शामिल किया जा रहा है जैसे फ्लैग मेकिंग वर्कशॉप, वॉल ऑफ पैट्रियट्स (जहां बच्चे शहीदों के नाम और उनके विचार लिखते हैं), स्ट्रीट प्ले, कविता पाठ और देशभक्ति गीतों की प्रतियोगिता, कई जगह बच्चों को NCC और Scouts जैसी गतिविधियों से जोड़ने की भी कोशिश हो रही है, जिससे उनमें अनुशासन और टीमवर्क की भावना विकसित हो सके,

 

सोशल मीडिया पर #GuidedKarishma और #DeshbhaktiKiPathshala जैसे हैशटैग्स तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं और अभिभावक भी इस पहल को सराह रहे हैं, उनका कहना है कि इससे बच्चों को न केवल इतिहास और शहीदों के बारे में जानकारी मिल रही है बल्कि वे यह भी समझ पा रहे हैं कि छोटे-छोटे काम भी देशहित में बड़े बदलाव ला सकते हैं, Independence Day 2025 से पहले यह पहल बच्चों के बीच देशभक्ति का जोश और गर्व जगाने का एक अनोखा साधन बन चुकी है,

 

कार्यक्रम आयोजकों का कहना है कि “गाइडेड करिश्मा” का उद्देश्य यह है कि लोकल हीरोज को रोल मॉडल बनाकर बच्चों के सामने ऐसे उदाहरण रखे जाएं जो उन्हें प्रेरणा दें और उनके भीतर यह विश्वास पैदा करें कि वे भी अपने जीवन में कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे समाज और देश का नाम रोशन हो, विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से बच्चों में एक नई सोच पैदा होगी जो उन्हें आगे चलकर बेहतर नागरिक बनाएगी,

 

दिल्ली के एक स्कूल की टीचर ने बताया कि जब एक पुलिस अधिकारी ने बच्चों को ईमानदारी और सेवा भाव की कहानियाँ सुनाईं तो बच्चे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी छोटी-छोटी गलतियाँ सुधारने का संकल्प लिया, वहीं जयपुर में जब एक लोकल खिलाड़ी ने अपनी संघर्ष गाथा सुनाई तो बच्चों ने खेल और फिटनेस को लेकर नए लक्ष्य तय किए, इस तरह यह पहल न केवल शिक्षा के दायरे को बढ़ा रही है बल्कि बच्चों के जीवन मूल्यों को भी मजबूत कर रही है,

 

कुल मिलाकर “गाइडेड करिश्मा” एक ऐसा करिश्माई आंदोलन बन गया है जो शिक्षा और देशभक्ति को जोड़कर अगली पीढ़ी को मजबूत नींव देने का काम कर रहा है, Independence Day 2025 के इस जोशपूर्ण माहौल में यह पहल बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत साबित हो रही है और यह संदेश दे रही है कि लोकल हीरोज सिर्फ समाज में ही नहीं बल्कि स्कूलों में भी बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं, यही कारण है कि आज हर जगह यही कहा जा रहा है कि — “गाइडेड करिश्मा” ने स्कूलों में देशभक्ति की पाठशाला शुरू करके एक नई दिशा दी है और यह आने वाले वर्षों में बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने की सबसे प्रभावी पहल साबित होगी।

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