H-1B Visa 2025: Indian Professionals Ka Naya Safar

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H-1B Visa 2025: Indian Professionals Ka Naya Safar

 

अमेरिका में नौकरी की चाह रखने वाले हजारों भारतीय पेशेवरों के लिए 2025 का साल बड़े बदलाव और अनिश्चितताओं से भरा रहा है; Department of Homeland Security द्वारा जनवरी 17, 2025 को लागू किया गया H-1B मॉडर्नाइजेशन फाइनल रूल ने प्रोग्राम की परिभाषा, प्रक्रियाएँ और एन्फोर्समेंट दोनों में महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं, जिनका असर नियोक्ता, आवेदक और स्टार्टअप्स—तीनों पर पड़ रहा है (यह नियम DHS के फाइनल रूल में दर्ज है)। सबसे पहले कैप-रिलेटेड अपडेट: USCIS ने इस साल FY-2026 के लिए नियमित 65,000 H-1B और 20,000 U.S. advanced-degree exemptions (master’s cap) के तहत आवेदनों का लक्षित संख्या भरने की सूचना दे दी है, यानी अब केवल कैप-एक्सेम्प्ट petitions ही स्वीकार किए जाएंगे — इसके मतलब यह है कि जो उम्मीदवार अभी भी कैप-सिंहावलोकन के जद्दोजहद में हैं उन्हें अगले चक्र के लिये सावधानी से प्लान करना होगा। दायरे में आए बदलावों में “beneficiary-centric” रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण है — अब एक ही आवेदक की multiple registrations multiple employers द्वारा होने पर भी एक ही एंट्री के रूप में गिनी जाएँगी जिससे पहले की तरह स्पैम-एंट्री और धोखाधड़ी की गुंजाइश घटने की उम्मीद है; साथ ही USCIS ने कहा है कि यह कदम समग्र सिस्टम की निष्पक्षता बढ़ाने के लिए ज़रूरी था। [AD SLOT] मॉडर्नाइजेशन रूल में एक बड़ा पॉजिटिव परिवर्तन यह है कि स्टार्टअप संस्थापक और उद्यमी (founders) अब अपनी खुद की कंपनी से H-1B स्पॉन्सरशिप कर सकते हैं—बशर्ते कंपनी में उचित कॉर्पोरेट गवर्नेंस और कंट्रोल-मेकैनिज़्म हों और आवेदक-नियोक्ता के बीच वास्तविक रोजगार संबंध स्थापित हो—जिससे अमेरिका के छोटे और नए व्यापारों के लिए वैश्विक टैलेंट तक पहुँच आसान हो सकती है और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इन बदलावों के साथ ही एन्फोर्समेंट भी कड़ा हुआ है: Fraud Detection and National Security (FDNS) की साइट-विज़िट पावर और निगरानी बढ़ाई जा चुकी है, और USCIS ने कहा है कि साइट विज़िट में सहयोग न करने पर petition deny या revoke की कार्रवाई हो सकती है—इसलिए नियोक्ताओं को अपनी कम्प्लायंस, जॉब-डेस्क्रिप्शन और रिकॉर्ड-कीपिंग पर विशेष ध्यान देना होगा। [AD SLOT] दूसरी तरफ़ फील्ड से परेशान करने वाली खबरें भी आई हैं: कुछ H-1B धारकों को जो हाल ही में नौकरी से निकाले गए हैं, उनकी 60-दिन की ग्रेस-पीरियड के बावजूद Notices to Appear (NTAs) यानी deportation proceedings के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिससे समुदाय में भारी चिंता पैदा हुई है और कई संगठनों ने इसकी निंदा की है; यह मामला दिखाता है कि नीतिगत बदलावों के साथ-साथ लागू करने में असंगतियाँ भी सामने आ रही हैं और affected workers को कानूनी सलाह तुरंत लेने की सलाह दी जा रही है। [AD SLOT] लागू नियमों के व्यावहारिक प्रभावों में यह देखा जा रहा है कि बड़े कॉरपोरेट कट-बैक और टेक-लैऑफ्स के समय H-1B धारक सबसे ज़्यादा असुरक्षित होते हैं, क्योंकि नौकरी गंवाने पर वे 60 दिनों के भीतर नई नौकरी ढूँढने, स्टेटस बदलने या देश छोड़ने के कठिन विकल्पों का सामना करते हैं; इस पृष्ठभूमि में USCIS और अन्य अमेरिकी.

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