हरियाली तीज 2025: व्रत, श्रृंगार और प्रेम का उत्सव, जानिए तिथि, महत्व और परंपराएं
हरियाली तीज 2025 का पर्व इस बार पूरे देश में 31 जुलाई को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली हरियाली तीज खासतौर पर विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर शिव-पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। हरे वस्त्र पहनना, मेंहदी रचाना, झूला झूलना और लोकगीत गाना इस पर्व की खास परंपराएं हैं। उत्तर भारत, खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था, इसलिए यह दिन सुहागन महिलाओं के लिए बेहद पुण्यदायी माना जाता है। मंदिरों और घरों में झूले सजाए जाते हैं, महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पारंपरिक गीतों के साथ उत्सव का आनंद लेती हैं। इस तीज पर महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और रात्रि में कथा सुनकर ही व्रत खोलती हैं। हरियाली तीज न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में स्त्री शक्ति, प्रेम और समर्पण का उत्सव भी है।