हर्तालिका तीज — 25 अगस्त को मनाया जाने वाला यह पर्व महिलाओं का आत्मबल और श्रद्धा का प्रतीक है
हर्तालिका तीज 2025 का पर्व इस बार 25 अगस्त को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा और यह दिन महिलाओं के लिए न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि उनके आत्मबल, श्रद्धा और समर्पण का भी प्रतीक है। हिंदू धर्म में हरितालिका तीज का खास स्थान है क्योंकि इस दिन महिलाएँ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अखंड सौभाग्य तथा पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत बेहद कठोर माना जाता है क्योंकि महिलाएँ पूरे दिन निर्जल और निराहार रहकर भगवान का स्मरण करती हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था और उसी की स्मृति में यह पर्व महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। उत्तर भारत, खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में यह पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वहीं, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है। इस दिन महिलाएँ पारंपरिक हरे रंग की साड़ी, चूड़ियाँ और मेंहदी लगाकर सजती हैं, साथ ही लोकगीत गाते हुए शिव-पार्वती की कथा का श्रवण करती हैं। सुबह-सुबह महिलाएँ समूह में नदी या तालाब किनारे स्नान करके पूजा करती हैं और फिर मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजन करती हैं। पूजा विधि में बेलपत्र, फूल, फल, धूप-दीप और गंगाजल का विशेष महत्व होता है। रात्रि जागरण करके महिलाएँ व्रत कथा सुनती हैं और भजन-कीर्तन में शामिल होती हैं। सोशल मीडिया पर भी #HartalikaTeej, #Teej2025 और #ShivParvatiPuja जैसे हैशटैग पहले से ट्रेंड करने लगे हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स पर तीज से जुड़ी वस्त्र, साज-सज्जा और पूजा सामग्री की मांग में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जिससे व्यापारियों को काफी लाभ हुआ है। इसके अलावा, ऑनलाइन पूजा और virtual darshan का विकल्प भी इस बार लोगों को मिल रहा है, ताकि वे घर बैठे पूजा में शामिल हो सकें। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस बार का हर्तालिका तीज पर्व विशेष फलदायी होगा क्योंकि इस दिन विशेष योग बन रहे हैं, जो व्रत करने वालों की मनोकामना पूरी करने में सहायक होंगे। हर्तालिका तीज न केवल महिलाओं की धार्मिक आस्था को प्रकट करता है बल्कि यह उनके आत्मबल, प्रेम और त्याग की भावना को भी समाज में स्थापित करता है। यही कारण है कि यह पर्व हर साल लाखों महिलाओं के लिए आध्यात्मिक शक्ति और वैवाहिक जीवन की मजबूती का प्रतीक बन जाता है