USA में रहने वाले NRI के लिए भारत में Tax Filing कैसे करें? नियम, फॉर्म और छूट – 2025 गाइड
अगर आप एक NRI (Non-Resident Indian) हैं और USA में रहते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि भारत में आपको टैक्स कैसे फाइल करना है, किन इनकम पर टैक्स लगता है, कौन से फॉर्म भरने होते हैं और किन छूटों का आप लाभ ले सकते हैं। भारत सरकार ने NRI टैक्स नियमों को स्पष्ट किया है, लेकिन कई बार USA में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को confusion होता है कि उन्हें ITR फाइल करना चाहिए या नहीं। इस लेख में हम 2025 के लेटेस्ट नियमों के आधार पर पूरा प्रोसेस, जरूरी फॉर्म्स और डिडक्शन्स को विस्तार से समझाएंगे।
NRI की भारत में Tax Liability क्या होती है?
अगर आप पिछले फाइनेंशियल ईयर (2024–25) में भारत में 182 दिन से कम रुके हैं, तो आपकी residential status NRI मानी जाएगी। NRI होने के बाद आपकी केवल उन्हीं इनकम पर भारत में टैक्स लगेगा जो भारत में अर्जित हुई हो या भारत में रिसीव हुई हो, जैसे:
Rent from property in India
Interest from Indian bank accounts (NRO account)
Capital gains from Indian stocks or mutual funds
Income from business conducted in India
Note: NRE account interest income और कुछ specified securities से होने वाली income टैक्स-फ्री होती है।
NRI को ITR फाइल करना जरूरी कब होता है?
अगर आपकी India-sourced income ₹2.5 लाख से अधिक है (FY 2024–25)
अगर आपको TDS कट गया है और आप refund लेना चाहते हैं
अगर आप LTCG (Long Term Capital Gains) पर relief claim करना चाहते हैं
अगर आपको विदेशों में हुए income या assets का disclosure करना है (उदाहरण: Foreign assets in Schedule FA)
कौन सा ITR फॉर्म भरना होता है NRI को?
NRI को ITR filing के लिए आमतौर पर नीचे दिए गए फॉर्म्स में से एक चुनना होता है:
ITR-1 (Sahaj): Applicable नहीं है अगर आपके पास विदेश में कोई asset या foreign income है
ITR-2: सबसे ज़्यादा उपयोग होने वाला फॉर्म, जिसमें विदेश में संपत्ति, capital gains, multiple incomes शामिल की जा सकती हैं
ITR-3: अगर आप किसी business या profession से भी जुड़े हैं
ITR-4: Presumptive income scheme के लिए (freelancers या
consultants