जुम्मे की नमाज़ कैसे पढ़ें? हर मुसलमान को पता होनी चाहिए ये सुन्नतें और तरीका
इस्लाम धर्म में जुम्मा (शुक्रवार) का दिन बेहद पवित्र और फज़ीलत वाला माना जाता है। इस दिन की नमाज़ को “ईदुल मुस्लेमीन” कहा गया है, यानी मुसलमानों की साप्ताहिक ईद।
जुमे की नमाज़ पढ़ने का तरीका थोड़ा अलग होता है, और इसकी कुछ खास सुन्नतें होती हैं जिन्हें हर मुसलमान को जानना और अपनाना चाहिए।
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🧼 नमाज़ से पहले की तैयारी:
1. गुस्ल (नहाना) – जुमे की सुबह गुस्ल करना सुन्नत है
2. साफ कपड़े पहनना – खासतौर पर सफेद या अच्छे कपड़े
3. इत्र लगाना – बदबू से बचने और महक फैलाने के लिए
4. मस्जिद जल्दी जाना – जितना जल्दी जाएंगे, उतनी ज्यादा सवाब की हदीस है
5. सूरह अल-कहफ़ पढ़ना – इस सूरह को जुमे के दिन पढ़ना बख्शिश लाता है
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🕋 जुम्मे की नमाज़ का तरीका:
1. मस्जिद जाकर 2 रकात ताहिय्यतुल मस्जिद की नमाज़ पढ़ें (जब बैठने से पहले मस्जिद में दाखिल हों)
2. फिर 4 रकात सुन्नत मुअक्कदा पढ़ें
3. उसके बाद इमाम का ख़ुतबा (Speech) ध्यान से सुनें, कोई बात न करें
4. फिर इमाम के पीछे 2 रकात फ़र्ज़ नमाज़ जमाअत से अदा करें
5. उसके बाद 4 रकात सुन्नत मुअक्कदा और फिर 2 रकात सुन्नत ग़ैर मुअक्कदा पढ़ें
👉 यानी कुल 14 रकात (2+4+2+4+2) पढ़ी जाती हैं जुम्मे के दिन
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📿 जुम्मे की नमाज़ के फायदे:
पिछले हफ्ते के छोटे गुनाह माफ हो जाते हैं
रुहानी ताकत मिलती है
दुआओं की कबूलि
यत का वक्त होता है
ग़रीबों को सदक़ा देने का दिन माना जाता है