बाइक लोन न चुकाने पर एजेंट करें परेशान, तो बता डाले ये नियम
आज के समय में एक मिडिल परिवार में टू व्हीलर होना आम बात हो गया है। जो कि जरूरी भी है क्योंकि इंसान को कब किस चीज के लिए गाड़ी की जरूरत पड़ जाए ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है। तो ऐसे में टू व्हीलर होना हर मुसीबत की घड़ी में साथ देने वाला बेहतर विकल्प है। इसिलए आज के दौर में बाइक य टू व्हीलर खरीदना जरूरत हो गया है। इस बीच कुछ लोग बाइक खरीदने में पैसे खर्च करते है तो कुछ लोग लोन के जरिए गाड़ी खरीदते है। लेकिन लोन लेने में उस समय समस्या खड़ी हो जाती है जब किसी वजह से इंसान लोन की रकम नहीं चुका पाता। ऐसे में हम आपको आज बताएंगे कि बाइक लोन न चुकाने पर क्या होता है।
बाइक लोन सुरक्षित लोन
सबसे पहले हम बात करते है बाइक लोन की। बाइक लोन एक प्रकार का सुरक्षित लोन है जिसकी मदद से लोग बाइक खरीद सकते है। बाइक लोन किसी भी बैंक य किसी निजी कंपनी के द्वारा लिया जा सकता है। इस लोन के लिए EMI भरनी होती है जिससे समयावधि तक लोन का रीपेमेंट किया जा सकें। लेकिन कई बार लोन सही समय पर न चुकाना मुश्किलें खड़ी कर देता है। उस समय बैंक य वित्तीय कंपनी के पास कई हतकंडे होते है लोन वापसी के लिए। बता दें कि जब भी बाइक का लोन लिया जाता है तो बैंक बाइक की कीमत का 70 से 80℅ लोन के तौर पर मुहैया करा देती है। इसका मतलब ये है कि यदि बाइक की कीमत 1 लाख जा तो 70 से 80 हजार तक लोन के रूप में दे देती है। सिर्फ 20 से 30%ही पैसे देने पड़ते है। वहीं कुछ NBFC य प्राइवेट संस्थान ऐसी है जो बाइक लोन पर बाइक की कीमत का 90% तक लोन के रूप में दे देती है लेकिन उस लोन की राशि को समय पर चुकाना जरूरी होता है।
लोन न चुकाने पर होगा ये–-
बैंक की तरफ से कॉल य ईमेल आ सकता है
कंपनी और बैंक भेज सकती है नोटिस
बैंक य वित्तीय संस्थान भेज सकती है रिकवरी एजेंट को
प्रोपर्टी हो सकती है जब्त
बाइक हो सकती है जब्त
एकाउंट से काटे जा सकते है पैसे
कुछ स्थितियों में हो सकती है FIR और जेल
कोर्ट में चल सकता है मुकदमा
उधारकर्ता के कुछ अधिकार——-
बिना नोटिस य सूचना के नहीं हो सकती कार्यवाही
बगैर लीगल नोटिस के रिकवरी एजेंट नहीं कर सकता कार्यवाही
रिकवरी एजेंट के पास होना चाहिए लीगल नोटिस
रिकवरी एजेंट के पास लीगल नोटिस न होने पर आप कर सकते है उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही
बैंक उधारकर्ता के ऊपर महीने में सिर्फ 1 बार ही electronic cleaning service य चेक लगा सकती है
यदि बैंक या NBFC अधिक परेशान करें तो आप कर सकते है उनके खिलाफ consumer court में मुकदमा दर्ज