USA 2025 में किस दिशा में जा रहा है? सुपरपावर से स्ट्रगल तक, जानिए अमेरिका की असली हालत

Advertisements

USA 2025 में किस दिशा में जा रहा है? सुपरपावर से स्ट्रगल तक, जानिए अमेरिका की असली हालत

 

दुनिया का सबसे ताक़तवर देश कहे जाने वाला अमेरिका यानी USA अब 2025 में कई ऐसे बदलावों से गुजर रहा है जो उसके सुपरपावर स्टेटस को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहे हैं, जहां एक तरफ़ टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस मिशन और ग्लोबल डिप्लोमेसी में अमेरिका अभी भी लीडर बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ़ घरेलू स्तर पर बढ़ता राजनीतिक ध्रुवीकरण, महंगाई, बॉर्डर सिक्योरिटी विवाद, स्टूडेंट डेट और नस्लीय तनाव जैसे मुद्दे इसे अंदर से चुनौती दे रहे हैं, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद जब जो बाइडन दोबारा सत्ता में लौटे तो उम्मीद थी कि अमेरिका को एक स्थिर नेतृत्व मिलेगा लेकिन 2025 की शुरुआत में ही यूक्रेन-रूस युद्ध, इजराइल-हमास संघर्ष और चीन-ताइवान विवाद ने अमेरिका को फिर से अंतरराष्ट्रीय तनाव के केंद्र में ला खड़ा किया है, हाल ही में अमेरिका ने NATO और Indo-Pacific गठबंधनों को और मजबूत किया है ताकि रूस और चीन दोनों को रणनीतिक जवाब दिया जा सके, वहीं आंतरिक रूप से अमेरिका की इकॉनमी लगातार एक मंदी के साए में जी रही है जहां बेरोज़गारी दर में थोड़ी गिरावट जरूर आई है लेकिन महंगाई और फेडरल रेट्स में इज़ाफा अब भी मिडल क्लास को परेशान कर रहा है, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका अब भी AI, Robotics, Semiconductor और Space Race में दुनिया से आगे है, खासकर जब OpenAI, Google DeepMind और Tesla जैसे ब्रांड्स ने 2025 में नए जनरेशन AI मॉडल्स और ऑटोमेटेड टेक्नोलॉजी लॉन्च किए हैं, इसके साथ ही SpaceX और NASA मिलकर 2025 में चंद्रमा पर फिर से इंसान भेजने की तैयारी में हैं, और Mars Colonization पर रिसर्च भी अब टेस्टिंग फेज़ में आ चुका है, इसके बावजूद अमेरिका को अब अपनी Soft Power की ताकत को बनाए रखने के लिए पहले से ज़्यादा मेहनत करनी पड़ रही है क्योंकि अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य एशिया में अब चीन और BRICS देशों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, इसके अलावा USA की गन वॉयलेंस की समस्या 2025 में और भयानक हो गई है – साल की शुरुआत में ही 100 से अधिक मास शूटिंग की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं, जिससे देशभर में गन लॉ रिफॉर्म की मांग फिर से उठ खड़ी हुई है, वहीं सोशल मीडिया पर सेंसरशिप, फ्री स्पीच और डेटा प्राइवेसी को लेकर भी तीखी बहस चल रही है, अमेरिका की बिग टेक कंपनियों को अब ज्यादा रेगुलेशन और जांचों का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक तरफ़ बाइडन सरकार चाहती है कि टेक कंपनियां AI और सोशल प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट को नियंत्रित करें वहीं रिपब्लिकन पार्टी इसे फ्री स्पीच का उल्लंघन मानती है, इसी बीच स्टूडेंट डेट क्राइसिस भी बढ़ती जा रही है – लगभग 1.8 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा का एजुकेशन लोन अब अमेरिका की युवा पीढ़ी की कमर तोड़ रहा है, और कॉलेज एजुकेशन की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं, हेल्थकेयर की बात करें तो अमेरिका में 2025 में भी युनिवर्सल हेल्थकेयर का कोई पक्का समाधान नहीं निकल पाया है, जबकि COVID और Long Covid के प्रभाव अब भी कुछ राज्यों में दिख रहे हैं, रेस रिलेशंस की बात करें तो ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट और लैटिनो समुदाय की भागीदारी लगातार बढ़ रही है लेकिन राजनीतिक ध्रुवीकरण और माइग्रेशन पॉलिटिक्स के चलते दक्षिणी राज्यों में नस्लीय टकराव की घटनाएं बढ़ी हैं, खासकर टेक्सास और फ्लोरिडा जैसे राज्यों में जहां बॉर्डर क्राइसिस को लेकर स्टेट और फेडरल सरकार आमने-सामने हैं, इस सबके बीच अमेरिका अब 2025 में एक ऐसे दोराहे पर खड़ा है जहां उसकी ग्लोबल पावर बरकरार है लेकिन उसकी घरेलू स्थिरता सवालों के घेरे में है, क्या अमेरिका फिर से ‘Unchallenged Superpower’ बन पाएगा या उसे अब एक ‘Divided Yet

Advertisements

Powerful’ Nation

Advertisements
THE GREAT NEWS

THE GREAT NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *