चुनाव तैयारियों में कोविड-19 और हेल्थ सेफ्टी मेजर्स का बढ़ता रोल – 2025 अपडेट
भारत में 2025 के चुनावी माहौल में कोविड-19 और अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों (Health Safety Measures) की भूमिका बेहद अहम होती जा रही है, खासकर तब जब हाल के वर्षों में महामारी ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य बल्कि चुनावी प्रक्रिया के संचालन को भी प्रभावित किया है। चुनाव आयोग (Election Commission) इस बार पूरी तरह सतर्क है और कोविड-19, डेंगू, फ्लू जैसे संभावित संक्रमणों से बचाव के लिए एडवांस प्लानिंग कर रहा है। कोविड के शुरुआती दौर में 2020 और 2021 में जिस तरह मास्क, सैनिटाइज़र और सोशल डिस्टेंसिंग चुनाव का हिस्सा बन गए थे, अब 2025 में भी इन प्रोटोकॉल को अपडेट करके लागू किया जा रहा है। चुनावी रैलियों में भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन कैमरों से मॉनिटरिंग, थर्मल स्कैनिंग मशीन और सैनिटाइजेशन गेट्स लगाए जा रहे हैं। पोलिंग बूथ्स पर हैंड सैनिटाइज़र की अनिवार्यता, सभी पोलिंग स्टाफ के लिए फेस मास्क और दस्ताने, और वोटिंग मशीनों की नियमित सैनिटाइजेशन अब एक स्टैंडर्ड प्रोसेस बन चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) और स्थानीय प्रशासन के बीच एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाई गई है, जो संक्रमण की स्थिति की निगरानी करेगी और जरूरत पड़ने पर क्षेत्र विशेष में अतिरिक्त मेडिकल टीम तैनात करेगी। इस बार चुनाव आयोग ने विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में हेल्थ कैम्प्स लगाने के निर्देश दिए हैं, ताकि मतदान से पहले स्वास्थ्य जांच और वैक्सीनेशन सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में चुनावी गतिविधियों से फ्लू, वायरल फीवर और कोविड जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए मास्क और हैंड हाइजीन को लेकर पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन भी जरूरी है। इसीलिए सोशल मीडिया, रेडियो और टीवी पर हेल्थ प्रोटोकॉल के मैसेज लगातार चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, ई-वोटिंग और पोस्टल बैलेट के विकल्पों को भी मजबूत किया