वज़न घटाने की इंजेक्शंस (GLP-1, Tirzepatide): विशेषज्ञों ने संभावित नुकसानों पर दी चेतावनी
आजकल वज़न घटाने की दौड़ में लोग तेजी से नई-नई मेडिकल थेरेपी और इंजेक्शंस का सहारा ले रहे हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं GLP-1 इंजेक्शन और Tirzepatide। ये इंजेक्शंस मोटापे को नियंत्रित करने और वज़न कम करने के लिए डॉक्टरों द्वारा सुझाए जा रहे हैं, लेकिन हाल ही में कई हेल्थ एक्सपर्ट्स और रिसर्च स्टडीज़ ने इनके संभावित नुकसानों को लेकर चेतावनी जारी की है। शुरुआत में इन इंजेक्शंस को डायबिटीज कंट्रोल के लिए विकसित किया गया था, लेकिन मोटापे और वज़न घटाने में इनके प्रभावी नतीजे सामने आने के बाद ये फिटनेस और हेल्थ इंडस्ट्री में “गेम-चेंजर” की तरह लोकप्रिय हो गए।
हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि बिना मेडिकल निगरानी के इनका उपयोग बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। सबसे पहले तो इनके सामान्य साइड इफेक्ट्स में उल्टी, मतली, पेट दर्द और दस्त शामिल हैं। वहीं लंबे समय तक इस्तेमाल से पाचन तंत्र से जुड़ी गंभीर समस्याएं, गॉलब्लैडर स्टोन और अग्न्याशय (Pancreas) पर दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा, कुछ स्टडीज़ में यह भी पाया गया है कि इन इंजेक्शंस से वजन घटने के साथ-साथ मांसपेशियों (Muscle Mass) की कमी भी हो सकती है, जो शरीर की ताकत और मेटाबॉलिज्म के लिए नुकसानदेह है।
एक और बड़ी चिंता है कि कई लोग इन्हें “Quick Fix” या शॉर्टकट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वजन घटाने का स्थायी समाधान केवल इंजेक्शंस नहीं हो सकते। अगर लोग सिर्फ इन दवाओं पर निर्भर रहेंगे और संतुलित डाइट, एक्सरसाइज़ और हेल्दी लाइफस्टाइल को नज़रअंदाज़ करेंगे, तो वजन दोबारा बढ़ सकता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ इसे “Short-term solution” मानते हैं, न कि “Permanent Cure”।
इसके अलावा, इनकी कीमत भी बहुत ज़्यादा है, जिससे हर कोई इन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता। कई देशों में इन इंजेक्शंस की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि डायबिटीज पेशेंट्स, जिनके लिए यह असल में बनाई गई थीं, उन्हें
दिक