नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमयी मौत पर नई थ्योरी: क्या अब भी छुपाई जा रही है सच्चाई
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन महानायकों में आता है, जिनकी वीरता, सोच और संघर्ष ने देश को आज़ादी दिलाने की दिशा में एक नई ऊर्जा दी। लेकिन उनके जीवन से जुड़ा एक रहस्य आज भी देशवासियों को परेशान करता है — उनकी मौत की असली वजह क्या थी? क्या वो 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुए प्लेन क्रैश में सच में मारे गए थे, या फिर यह सिर्फ एक परदा था, एक ऐसा राज़ जो आज़ादी के बाद भी जनता से छुपाया गया? अब, 2025 में इस बहस को और तेज़ करने वाली एक नई थ्योरी सामने आई है, जो दावा करती है कि नेताजी न तो प्लेन क्रैश में मरे थे, न ही उनका शरीर कभी ताइवान से मिला — बल्कि उन्हें जानबूझकर गायब किया गया ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी रणनीति को अंजाम दिया जा सके।
इस नई थ्योरी को बढ़ावा मिला है कुछ हाल ही में सार्वजनिक हुए ब्रिटिश और रूसी दस्तावेज़ों से, जिनमें नेताजी के नाम के उल्लेख ऐसे समय में किए गए हैं जब आधिकारिक रूप से उन्हें मृत घोषित किया जा चुका था। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक रूसी इंटेलिजेंस रिपोर्ट
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