Jumme Ki Namaz Ka Sahi Tarika: Sunnat, Farz Aur Khutbe Ki Puri Jankari Hindi Mein
इस्लाम धर्म में जुमा यानी शुक्रवार का दिन बेहद खास माना जाता है। यह दिन मुसलमानों के लिए ईद की तरह है, और इस दिन की नमाज़ को “जुमे की नमाज़” कहा जाता है जो ज़ुहर की नमाज़ की जगह अदा की जाती है। जुमे की नमाज़ पढ़ने का तरीका बाकी नमाज़ों से थोड़ा अलग होता है, क्योंकि इसमें खुतबा (इस्लामी भाषण) भी शामिल होता है।
जुमे की नमाज़ अदा करने से पहले ग़ुस्ल करना सुन्नत है। मुसलमानों को चाहिए कि वे साफ कपड़े पहनें, इत्र लगाएं और मस्जिद जल्दी पहुंचें। मस्जिद में पहुंचकर सबसे पहले 4 रकात सुन्नत नमाज़ अदा की जाती है। इसके बाद इमाम का खुतबा सुना जाता है, जो दो हिस्सों में होता है। खुतबा सुनना फर्ज के बराबर जरूरी होता है, और इस दौरान बात करना या ध्यान न देना गुनाह माना जाता है।
खुतबे के बाद 2 रकात फर्ज़ नमाज़ जमाअत से अदा की जाती है। इसके बाद 4 रकात सुन्नत और फिर 2 रकात नफ़्ल नमाज़ अदा की जाती है। कुल मिलाकर जुमा की नमाज़ 14 रकात होती है – जिसमें सुन्नत, फर्ज़ और नफ़्ल सभी शामिल हैं।