Kanwar Yatra 2025 का भव्य समापन – सुरक्षा में तैनात रही 1.5 लाख से ज्यादा पुलिस फोर्स, हरिद्वार से वाराणसी तक रहा हाई अलर्ट
सावन महीने की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा Kanwar Yatra 2025 का समापन इस हफ्ते भव्य तरीक़े से संपन्न हुआ, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने शिवभक्ति में डूबते हुए गंगा जल के साथ अपने-अपने शहरों को वापसी की। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में यह यात्रा अत्यंत श्रद्धा, उत्साह और अनुशासन के साथ सम्पन्न हुई। इस साल अनुमानित 4.5 करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों (कांवड़ियों) ने इस पवित्र यात्रा में हिस्सा लिया, जिसमें से अकेले हरिद्वार, ऋषिकेश और गौमुख से जल लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2 करोड़ के आसपास रही। हरिद्वार से लेकर वाराणसी तक गंगा के घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन इस बार सुरक्षा के इतने व्यापक इंतज़ाम किए गए थे कि कोई बड़ी अप्रिय घटना सामने नहीं आई।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने संयुक्त रूप से इस बार कांवड़ यात्रा को ‘Ultra Safe Zone’ घोषित किया था। सुरक्षा के लिहाज़ से करीब 1.5 लाख से ज्यादा पुलिसकर्मियों, PAC, RAF, ATS और ड्रोन यूनिट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया था। संवेदनशील ज़िलों में न सिर्फ़ ड्रोन से निगरानी हुई, बल्कि AI-बेस्ड फेस रिकॉग्निशन सिस्टम और लाइव मॉनिटरिंग CCTV कैमरों के जरिए भीड़ और गतिविधियों पर रियल टाइम नज़र रखी गई। मेरठ, मुज़फ्फरनगर, हरिद्वार, गाजियाबाद, बरेली, सहारनपुर, वाराणसी और प्रयागराज जैसे हाई डेंसिटी ज़ोन में विशेष कंट्रोल रूम बनाए गए थे, जहां से यातायात, भीड़ और सुरक्षा पर लगातार कंट्रोल किया गया। केवल उत्तर प्रदेश में ही 56,000 से अधिक ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड तैनात रहे, जिन्होंने बिना किसी विवाद के यात्रा को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
इस बार की यात्रा में पहली बार QR कोड आधारित Kanwar ID सिस्टम लागू किया गया, जिससे किसी भी कांवड़िए की पहचान और लोकेशन ट्रेस करना आसान हुआ। मेडिकल इमरजेंसी के लिए 1200+ मोबाइल एम्बुलेंस, 24×7 मेडिकल कैंप, और विशेष महिला सुरक्षा हेल्प डेस्क भी तैनात रहे। हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने से लेकर कांवड़ मार्ग पर भंडारों की सेवा तक, स्थानीय प्रशासन और जनता दोनों ने मिलकर इस यात्रा को एक उत्सव का रूप दिया। योगी सरकार की ओर से इस यात्रा को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए ‘Zero Tolerance Policy’ अपनाई गई, जिसके तहत सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट्स डालने वालों पर NSA तक की कार्यवाही की गई।
राजमार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था, जिससे कांवड़ियों को सुचारु रूप से चलने में कोई परेशानी न हो। वहीं, रेलवे ने भी 85 स्पेशल ट्रेनें चलाईं, जिससे जल लेने और लौटने वाले श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सुविधा दी जा सके। इस बार की Kanwar Yatra खास रही क्योंकि इसमें डिजिटल सहयोग भी काफी बढ़ा — ‘Kanwar Yatra App 2025’ के ज़रिए श्रद्धालु न केवल मार्ग, मेडिकल, ट्रैफिक और मौसम की जानकारी ले पाए, बल्कि रजिस्ट्रेशन और हेल्पलाइन अलर्ट्स भी ऐप पर ही मिलते रहे। इस तकनीकी पहल ने यात्रा के अनुभव को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और सुगम बना दिया।
राजनीतिक रूप से भी इस यात्रा ने हलचल मचाई, क्योंकि कई बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर कांवड़ियों को शुभकामनाएं दीं और कुछ ने सीधे यात्रा मार्गों पर पहुंचकर जल चढ़ाया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा के सफल समापन पर पुलिस बल और प्रशासन को बधाई दी और कहा कि धा
र्मिक यात्राओं