मध्य प्रदेश : इतिहास, संस्कृति, राजनीति और विकास की पूरी तस्वी
मध्य प्रदेश भारत के हृदय स्थल के रूप में जाना जाता है और इसे Heart of India भी कहा जाता है क्योंकि यह देश के बिल्कुल बीचों-बीच स्थित है, यहाँ की भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक संसाधन इसे बेहद खास बनाते हैं, मध्य प्रदेश का नाम सुनते ही लोगों के ज़हन में खजुराहो के मंदिर, भीमबेटका की गुफाएँ, सांची का स्तूप, उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर और कान्हा-किसली के नेशनल पार्क की छवि सामने आती है, यह राज्य न केवल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यटन, राजनीति, उद्योग और कृषि के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान रखता है।
मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी जब भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया, यह क्षेत्र प्राचीन काल में अवंति, मालवा, बघेलखंड और बुंदेलखंड जैसी सभ्यताओं का केंद्र रहा है, यहाँ मौर्य, गुप्त, परमार, मुगल और मराठा साम्राज्य का शासन रहा और हर दौर ने इस राज्य की सांस्कृतिक और स्थापत्य कला को समृद्ध किया, यही वजह है कि मध्य प्रदेश को “भारत का सांस्कृतिक धरोहर स्थल” भी कहा जाता है।
राजधानी भोपाल और सबसे बड़ा शहर इंदौर है, भोपाल अपनी झीलों और हरियाली के लिए मशहूर है, वहीं इंदौर को “क्लीन सिटी ऑफ इंडिया” का खिताब लगातार कई वर्षों से मिला है, ग्वालियर अपने किलों और संगीत परंपरा के लिए प्रसिद्ध है जबकि उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और कुंभ मेले की वजह से वैश्विक स्तर पर धार्मिक आस्था का केंद्र है।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि और खनिज संसाधनों पर आधारित है, यहाँ गेहूँ, सोयाबीन, चना और तिलहन की खेती बड़े पैमाने पर होती है, इसे “सोयाबीन कैपिटल ऑफ इंडिया” भी कहा जाता है, इसके अलावा यहाँ कोयला, डायमंड, मैंगनीज और अन्य खनिजों का भंडार है जिससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से मध्य प्रदेश हमेशा राष्ट्रीय राजनीति का अहम केंद्र रहा है, यहाँ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (INC) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है, पिछले दो दशकों में भाजपा ने कई बार सत्ता में रहकर राज्य के बुनियादी ढाँचे, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का दावा किया है, वहीं कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय, किसानों और युवाओं के मुद्दों को उठाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, 2023 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ जिसने राष्ट्रीय राजनीति में भी असर डाला।
मध्य प्रदेश का पर्यटन भी इसकी सबसे बड़ी ताकत है, खजुराहो के विश्व धरोहर स्थल मंदिर, भीमबेटका की गुफाएँ, सांची का स्तूप, अमरकंटक, पचमढ़ी, ओरछा, मांडू और महेश्वर जैसे स्थल हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, यहाँ के टाइगर रिजर्व – बांधवगढ़, कान्हा, पेंच और सतपुड़ा – वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान हैं, यहीं से नर्मदा और ताप्ती जैसी पवित्र नदियाँ निकलती हैं जो मध्य भारत की जीवनरेखा कही जाती हैं।
संस्कृति और कला की बात करें तो यहाँ की लोकनृत्य शैलियाँ – गोंड, मांडवनी, राई और भरताट्यम की झलक – लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं, मालवा की ग़ज़लें, बुंदेलखंड की रागिनियाँ और बघेलखंड की लोककथाएँ इस राज्य की गहरी सांस्कृतिक जड़ों का परिचय देती हैं, त्यौहारों की बात करें तो होली, दीवाली, नवरात्रि के साथ-साथ भोजपुर मेले और तीज-ति
जोरी जैसे लोक