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जहरीली शराब पीकर उजड़े कई घर, अवैध शराब रखने की थी जिसकी जिम्मेदारी आखिर वो कब जाएगा जेल
देश और देश के अंदर राज्यों को सिस्टम से चलाने के लिए भीमराव अंबेडकर ने संविधान लिखा, जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ संविधान के अनुसार ही सभी कामों की पैमाइश की जाती है, लोगों की गतिविधियां कर्तव्य कामकाज की पैमाइश हो के लिए भी अलग अलग विभाग भी बनाए गए हैं जिनमें जिम्मेदार अधिकारियों को भी नियुक्त किया जाता है,

लेकिन देखा जाता है कि कुछ अधिकारियों की सांठगांठ ,अधिकारियों पर दबाव तो कुछ अपने फर्ज से गद्दारी कर गैरकानूनी गतिविधियों में सम्मिलित हो जाते हैं जिसका खामियाजा आम जनता को ही देना पड़ता है, ऐसा ही कुछ मामला भारत के उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार से सामने आया है जहां जहरीली शराब पीकर लोगों की मौत हो गई, इससे पूर्व में भी जहरीली शराब पीने से हरिद्वार में मौत का तांडव देखा गया था,

लोगों के घर उजड़ने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कड़े तेवरों में कार्यवाही की बात करते हैं और जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों के आदेश के बाद प्रदेश भर में अवैध शराब को लेकर अभियान अभियान शुरू हो जाता है, अवैध शराब के कारोबार में सम्मिलित लोगों पर कानूनी चाबुक चलाया जाता है और कुछ समय के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है फिर रूटीन की तरह चोरी छुपे अवैध शराब का कारोबार पनपने लगता है और फिर किसी का घर बर्बाद हो जाता है, उत्तराखंड प्रदेश में कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है,लेकिन अब सरकार को इस परंपरा पर अंकुश लगाना चाहिए, जिम्मेदार विभागीय अधिकारी की नाकामी ,नजर अंदाजी की वजह से कोई भी हादसा होता है, सर्वप्रथम सरकार को उस अधिकारी की नौकरी को बर्खास्त करके उसे सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए, ऐसा करने से राज्य में निकम्मे और भ्रष्टाचार अधिकारियों पर अंकुश लगेगा अपनी नौकरी खोने और मुकदमे के डर से अपनी जिम्मेदारियों का पालन सख्ती से करते हुए दिखाई देंगे
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