एल सल्वाडोर में नया इतिहास! राष्ट्रपति नायिब बुकेले को दोबारा सत्ता, अब बिना रोक-टोक कर सकेंगे राज
एल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। जनता के विशाल समर्थन के साथ वह दोबारा राष्ट्रपति पद की कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं, लेकिन इस बार सत्ता के मायने ही बदल चुके हैं। अब बुकेले को दोबारा राष्ट्रपति बनने से कोई संविधानिक बाधा नहीं रोकेगी — क्योंकि देश की संसद ने हाल ही में उन्हें अनिश्चितकालीन दोबारा चुनाव लड़ने की छूट दे दी है। यही नहीं, अब राष्ट्रपति कार्यकाल भी पांच से बढ़ाकर छह साल का कर दिया गया है।
बुकेले की पार्टी “नुएवास आइडियास” ने इस संवैधानिक बदलाव को बहुमत से पास कराया, जिससे देश में सत्ता का संतुलन एकतरफा होता दिखाई दे रहा है। विरोधी दलों ने इस कदम को “लोकतंत्र की मौत” करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाएं भी अब एल सल्वाडोर में बढ़ते अधिनायकवाद पर चिंता जता रही हैं।
नायिब बुकेले को देश में “गैंग विरोधी अभियान” और अपराध कम करने के लिए हीरो माना जाता है। 2022 से उन्होंने अस्थायी आपातकाल की घोषणा की थी, जिसके तहत अब तक हजारों संदिग्ध अपराधियों को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि इससे हत्याओं और लूट की घटनाएं काफी हद तक कम हुई हैं, लेकिन मानवाधिकार हनन के आरोप भी कम नहीं हुए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बुकेले ने सोशल मीडिया, राष्ट्रवाद और जनता के डर को हथियार बनाकर सत्ता को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है। वह खुद को “दुनिया का सबसे कूल तानाशाह” तक कह चुके हैं।
अब सवाल यह है — क्या एल सल्वाडोर का भविष्य सुरक्षित हाथों में है, या लोकतंत्र धीरे-धीरे अधिनायकवाद की गिरफ्त में जा रहा है?
देश और दुनिया की नजरें अब नायिब बुकेले की अगली चाल पर टिकी हैं।