ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 संसद में पारित — ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा, राष्ट्रीय प्राधिकरण गठित और कड़ी पाबंदियाँ लागू

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ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 संसद में पारित — ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा, राष्ट्रीय प्राधिकरण गठित और कड़ी पाबंदियाँ लागू

 

भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को संसद में पारित कर दिया है और इसके साथ ही देश में तेजी से बढ़ते ई-स्पोर्ट्स और डिजिटल गेमिंग सेक्टर को एक औपचारिक पहचान देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस बिल का मकसद जहां एक ओर ई-स्पोर्ट्स को प्रोफेशनल स्पोर्ट्स की श्रेणी में लाकर उसे बढ़ावा देना है, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन गेमिंग में हो रही गड़बड़ियों, धोखाधड़ी, नशे की लत और आर्थिक नुकसान जैसी चुनौतियों को रोकने के लिए कड़े नियम और पाबंदियाँ भी तय की गई हैं। बिल के तहत एक राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण (National Online Gaming Authority – NOGA) गठित किया जाएगा जो पूरे सेक्टर की निगरानी करेगा और नए-नए गेम्स के रजिस्ट्रेशन, संचालन और सुरक्षा मानकों को तय करेगा।

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सरकार के मुताबिक यह बिल भारत को वैश्विक ई-स्पोर्ट्स हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार तेज़ी से बढ़ा है और अनुमान है कि 2030 तक यह इंडस्ट्री 5 बिलियन डॉलर से अधिक की हो जाएगी। लाखों युवा ई-स्पोर्ट्स को न केवल मनोरंजन बल्कि करियर विकल्प के रूप में भी देख रहे हैं। बिल में कहा गया है कि अब ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स को उसी तरह की सरकारी मान्यता और संरचना दी जाएगी जैसे अन्य पारंपरिक खेलों को मिलती है।

 

बिल के तहत मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:

 

राष्ट्रीय प्राधिकरण का गठन — सभी ऑनलाइन गेम्स को अनिवार्य रूप से इस प्राधिकरण से पंजीकृत होना होगा।

 

आयु सीमा और पाबंदियाँ — नाबालिगों के लिए समय और खर्च की लिमिट तय की जाएगी ताकि गेमिंग लत पर नियंत्रण रहे।

 

रियल मनी गेमिंग पर नियम — सट्टेबाजी और अवैध लेन-देन रोकने के लिए कड़े वित्तीय मानदंड लागू होंगे।

 

ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स को मान्यता — सरकार की निगरानी में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

 

डिजिटल सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन — खिलाड़ियों की निजी जानकारी और वित्तीय लेनदेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

 

 

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े बड़े निवेशकों और स्टार्टअप कंपनियों ने इस बिल का स्वागत किया है और कहा है कि इससे न केवल सेक्टर को वैधता मिलेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, इससे विदेशी निवेशक भारत के ई-स्पोर्ट्स मार्केट में और

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