विपक्ष ने ‘मून मैन’ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया – बड़ा राजनीतिक दां
भारतीय राजनीति में आज एक बड़ा मोड़ तब आया जब विपक्षी गठबंधन ने देश के जाने-माने वैज्ञानिक और स्पेस रिसर्चर डॉ. सैयद सैयद अहमद, जिन्हें लोग प्यार से ‘मून मैन ऑफ इंडिया’ कहते हैं, को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह फैसला न केवल राजनीति बल्कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी हलचल पैदा करने वाला है क्योंकि अब तक भारत के इतिहास में इतने बड़े वैज्ञानिक को सीधे तौर पर उपराष्ट्रपति पद की रेस में उतारा नहीं गया था। विपक्ष का मानना है कि डॉ. अहमद का नाम जनता में एक भरोसे और ईमानदारी की छवि के रूप में जाना जाता है, खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ लंबे समय तक जुड़कर चंद्रयान मिशन की सफलता में अहम योगदान दिया था। यही वजह है कि उन्हें ‘मून मैन’ कहा जाता है।
विपक्ष का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश की राजनीति में लगातार बहस हो रही थी कि क्या नेताओं के बजाय शिक्षा, विज्ञान और तकनीक से जुड़े लोग संसद और संवैधानिक पदों तक पहुंच सकते हैं। विपक्षी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर ऐसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है जो केवल राजनीति का चेहरा न हो बल्कि शिक्षा, विज्ञान, रिसर्च और देश के भविष्य के लिए प्रेरणा देने वाला हो। डॉ. सैयद अहमद का नाम आते ही सोशल मीडिया पर भी #MoonMan ट्रेंड करने लगा और लोग इसे एक ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं।
उधर सत्ता पक्ष की ओर से इस निर्णय पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ नेताओं ने कहा कि राजनीति में बाहरी चेहरों को लाना विपक्ष की मजबूरी है क्योंकि उनके पास मजबूत राजनीतिक उम्मीदवार नहीं हैं, वहीं विपक्ष का कहना है कि यह उनकी ताकत है कि वे राजनीति में भी वैज्ञानिक सोच और रिसर्च की भावना लाना चाहते हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि डॉ. अहमद की उम्मीदवारी विपक्ष के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है क्योंकि देश की युवा पीढ़ी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स को एक आदर्श मानती है और अगर ऐसे व्यक्ति राजनीति में आएंगे तो उन्हें बड़ी संख्या में जनसमर्थन भी मिल सकता